भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो भजन

भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो भजन

(मुखड़ा)
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो।।


(अंतरा)
ये दुनिया एक भूल भुलैया,
चलना मुझे नहीं आए मैया,
आगे आगे मेरे चलकर,
आगे आगे मेरे चलकर,
राह दिखाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो।।

तू तो है बिगड़ी बनाने वाली,
सबकी भूल भुलाने वाली,
भूल कोई हो जाए मुझसे,
उसको भुलाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो।।

पाप पुण्य मेरे मत देखो,
केवल अपनी शरण में ले लो,
अब तक कृपा जैसे लुटाई,
अब तक कृपा जैसे लुटाई,
वैसे लुटाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो।।

जानता है ये तो जग सारा,
‘रामकुमार लख्खा’ है तुम्हारा,
कभी कभी ‘शर्मा’ के घर पर,
कभी कभी ‘शर्मा’ के घर पर,
भी तू आती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो।।

(पुनरावृत्ति)
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
मैया जी मुझे दर पे बुलाती रहियो,
भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो।।
 


भवानी मुझे दर पे बुलाती रहियो , Ram Kumar Lakha , Navratre Special ( Mata Bhajan ) Ambey Bhakti
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