सुंदर मुंदरिए तेरा कौन विचारा दुल्ला भट्टी वाला Sundar Mundariye Meaning Punjabi Lohari Song
Lyrics : सुंदर मुंदरिए, हो, तेरा कौन विचारा, हो, दुल्ला भट्टी वाला, हो, दुल्ले ने धी ब्याही, हो, सेर शक्कर पाई, हो, कुड़ी दा लाल पटाका, हो, कुड़ी दा शालू पाटा, हो, तेरा जीवे चाचा, सानूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी।
टेर नी माँ, टेर नी, लाल चरखा फेर नी, बुड्ढी साँस लैंदी है, उत्थों रात पैंदी है, अन्दर बट्टे ना खड़काओं, सान्नू दूरों ना डराओ, चारक दाने खिल्लां दे, पाथी लैके हिल्लांगे, कोठे उत्ते मोर, सान्नू पाथी देके तोर।
कुड़ी दा शालू पाटा, हो, शालू कोण समेटे, हो, चाचा गाली देसे, हो, चाचे चूरी कुट्टी, हो, जिमींदारां लुट्टी, हो, जिमींदारा सदाए, हो, गिण गिण पोले लाए, हो, इक पोला घिस गया,
Punjabi Folk Songs Lyrics in Hindi
जिमींदार वोट्टी, लै के नस्स गया, हो, सानूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी।
सुंदर मुंदरिए : खूबसूरत लड़की। तेरा कौन विचारा : तेरा विचार कौन करेगा ? तुम्हारी चिंता कौन करेगा, खैर खबर कौन लेगा। दुल्ला भट्टी वाला : दुल्ला जो "भट्टी वाला" है, भट्टीवाला कुल से सबंध रखता है। लड़की का कहना है की मेरी चिंता तो दुल्ला भट्टी वाला करेगा।
दुल्ले ने धी ब्याही : दुल्ले ने अपनी पुत्री का विवाह किया। दुल्ला लड़की को अपनी पुत्री/धी बनाकर उसकी शादी करता है। सेर शक्कर पाई : दुल्ले ने एक सेर (1kg/किलो) शक्कर/चीनी दी है। (वह ज्यादा कुछ नहीं दे पाया) कुड़ी दा लाल पटाका : कुड़ी ने लाल रंग का सूट पहना है। लड़की ने दुल्हन का लाल जोड़ा पहन रखा है। कुड़ी दा शालू पाटा : कुड़ी (लड़की) का शाल (ओढ़ने की शाल) फटी हुई है। तेरा जीवे चाचा : तेरे चाचे की उम्र लम्बी हो। सानूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी : हमें तुम लोहड़ी दो, तुम्हारी जोड़ी जुग जुग जिए, तुम्हारी जोड़ी बनी रहे।
दुल्ला भट्टी (Robinhood of Punjab) आळा (वाला) पंजाबी गीतों में उल्लेखित किया जाता रहा है जो मुग़ल काल में गरीबों का एक था। दुल्ला एक तरह से पंजाब का रोबिन हुड कहलाता है जिसने अमीरों से संघर्ष किया और लूट पाट करके जो धन/दौलत मिलती थी उसे वह गरीबों में बाँट दिया करता था। दुल्ला पिण्डी भटियांन का रहने वाला था। दुल्ला ने मुगलों से भी लोहा लिया। लोहड़ी के अवसर पर दुल्ला का उल्लेख इसलिए किया जाता है की या एक परम्परा है जिसमें दुल्ले के द्वारा गरीब लड़कियों का विवाह करवाने का वर्णन होता है। वर्तमान में पाकिस्तान के Miani Sahib Graveyard लाहौर में दुल्ला भट्टी की कब्र है। लोहड़ी का उत्सव "दुल्ला" का नाम लिए बिना पूर्ण नहीं माना जाता है। मान्यता के अनुसार दुल्ला भट्टी Dulla Bhatti को एक बार पता चला की कोई धनी व्यक्ति लड़कियों की तस्करी कर रहा है। इस दुल्ला ने उन लड़कियों को उनसे मुक्त करवा कर उनको "धी" कहा, अपनी पुत्री कहकर बुलाया। इसके उपरान्त दुल्ला ने उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई। अतः इस प्रकार से दुल्ला भट्टी पंजाब में प्रसिद्द हो गया। लोहड़ी के अवसर पर "दुल्ला भट्टी वाळा" कहा जाने लगा।
कुड़ी दा शालू पाटा : लड़की का शाल फटा हुआ है। शालू कोण समेटे : फटे हुए शाल को कौन सींए (इसकी सिलाई कौन करे ) चाचा गाली देसे : चाचा गाली देता है। चाचे चूरी कुट्टी : चाचा ने चूरमा बनाया है। चूरमें को कूट कर बारीक बनाया है। जिमींदारां लुट्टी : जमींदार ने चुरी को लूट लिया है। जिमींदारा सदाए : जमींदार को लट्ठ पड़े, पीटा गया।