बंगला दिया गाड़ी दी कारोबार दिया भजन

बंगला दिया गाड़ी दी कारोबार दिया भजन

भजन (मुखड़ा)
बंगला दिया, गाड़ी दी,
कारोबार दिया,
दौलत दी, शोहरत दी,
अच्छा परिवार दिया,
छोड़ी नहीं कमी मैया,
मेहर बरसाने में,
किस्मत वाला हूँ ये,
चर्चा है ज़माने में।
फिर भी रहूँ मैं परेशान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।

(अंतरा)
कुछ भी नहीं था पास मेरे तब,
दर पे तेरे आता था,
विनती करता, आहें भरता,
तुझको आज़माता था।
धीरे धीरे जो चाहा, वो पाता गया,
लोभ मोह में चित्त मेरा भरमाता गया।
हो गया ये मन बेईमान मेरी माँ,
हो गया ये मन बेईमान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।

(अंतरा)
तेरी दया से माँ, मैंने कई
लाख करोड़ कमाए,
एक नहीं कमाई नाम की दौलत,
अब ये समझ में आए।
इक पल का भी चैन नहीं, आराम नहीं,
धन मेरे पास में है पर तेरा नाम नहीं।
सच को गया हूँ पहचान मेरी माँ,
सच को गया हूँ पहचान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।

(अंतरा)
भटक गया था लाल तुम्हारा,
शरण तेरी आया है,
माँ तेरे दर पे आके लख्खा,
झोली फैलाया है।
हो गई जो भूल, जाओ भूल मेरी माँ,
झोली में डालो चरणों की धूल मेरी माँ।
कर दो सरल पे एहसान मेरी माँ,
कर दो सरल पे एहसान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।

(पुनरावृति)
बंगला दिया, गाड़ी दी,
कारोबार दिया,
दौलत दी, शोहरत दी,
अच्छा परिवार दिया,
छोड़ी नहीं कमी मैया,
मेहर बरसाने में,
किस्मत वाला हूँ ये,
चर्चा है ज़माने में।
फिर भी रहूँ मैं परेशान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ,
चरणों का दे दे मुझे ध्यान मेरी माँ।।
 

You may also like.
Next Post Previous Post