महक उठा घर बार मेरा माँ इक

महक उठा घर बार मेरा माँ इक तेरे आ जाने से भजन

(मुखड़ा)
महक उठा घर-बार मेरा माँ,
इक तेरे आ जाने से।
इसी तरह ही आते रहना,
किसी ना किसी बहाने से।
किसी ना किसी बहाने से माँ,
किसी ना किसी बहाने से।
महक उठा घर-बार मेरा माँ,
इक तेरे आ जाने से।।
(अंतरा 1)

घर में तेरी पूजा करते,
मन से तुझको ध्याते माँ।
किसी ना किसी बहाने आओ,
हर पल यही मनाते माँ।
आज हुई है कृपा तेरी,
भूलूँ ना मैं भुलाने से।
इसी तरह ही आते रहना,
किसी ना किसी बहाने से।।
(अंतरा 2)

हाथ कृपा का तेरे मैया,
सदा रहे घर-बार में।
तुझको कभी ना भूलूँ मैया,
सुख के इस संसार में।
सुख और दुःख तो तुझसे मैया,
कहता मैं ये ज़माने से।
इसी तरह ही आते रहना,
किसी ना किसी बहाने से।।
(अंतरा 3)

जैसे फूलों की खुशबू से,
महक उठा दरबार तेरा।
वैसे कृपा कर दे भवानी,
महक उठे परिवार मेरा।
जब भी बुलाऊँ, तुम आ जाना,
‘पंकज’ के माँ बुलाने से।
इसी तरह ही आते रहना,
किसी ना किसी बहाने से।।
(पुनरावृत्ति / समाप्ति)

महक उठा घर-बार मेरा माँ,
इक तेरे आ जाने से।
इसी तरह ही आते रहना,
किसी ना किसी बहाने से।
किसी ना किसी बहाने से माँ,
किसी ना किसी बहाने से।
महक उठा घर-बार मेरा माँ,
इक तेरे आ जाने से।।

नवरात्री का बहुत ही सुन्दर भजन || मेहक उठा घर बार मेरा माँ || PANKAJ SANWARIYA

नवरात्री का बहुत ही सुन्दर भजन इससे सुने और मैया को  THANK YOU कहे  || मेहक उठा घर बार मेरा माँ  || PANKAJ SANWARIYA
SINGER PANKAJ SANWARIYA
LABEL SCI SHREE CASSEETTEE INDUSTRIES 

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