शक्ति लगी है लक्ष्मण जी को, गम का अँधेरा छाया, शक्ति लगी है लक्ष्मण जी को, ग़म का अँधेरा छाया, भाई की चिंता में डूबे, भाई की चिंता में डूबे, देखो जी प्रभु राम, चले चले बूटी लेने देखो प्यारे हनुमान।
सूरज उगने से पहले, बूटी लेकर आनी है, वेद सुषेण ने बतलाया है, वेद सुषेण ने बतलाया है, सुनलो लगाकर ध्यान, चले चले बूटी लेने देखो प्यारे हनुमान।
सोच रहे हैं राम अवध में, कैसे लौटूंगा मैं, सोच रहे हैं राम अवध में, कैसे लौटूंगा मैं, क्या बोलूगा उन सबको मैं, क्या बोलूगा उन सबको मैं, पूछेगे लोग तमाम, चले चले बूटी लेने देखो प्यारे हनुमान।
हनुमान ने अपने स्वामी को, धीरज बँधवाया, जैसे भी हो प्रभु बचाऊँ, जैसे भी हो प्रभु बचाऊँ, मैं इनके प्राण, चले चले बूटी लेने देखो प्यारे हनुमान।