ये शहीदों की जय हिंद बोली

ये शहीदों की जय हिंद बोली

ये शहीदों की जय हिंद बोली,
ऐसी वैसी ये बोली नहीं है।।

इनके माथे पे खून का है टीका,
देखो देखो ये रोली नहीं है।।
ये शहीदों की जय हिंद बोली।।

सर कटाऊं जवानों को लेकर,
चल पड़े हैं हमीरा के आगे।।
हम हैं संतान राणा, शिवा की,
कायरों की ये टोली नहीं है।।
ये शहीदों की जय हिंद बोली।।

संघ पर आंख दिखलाने वाले,
भस्म हो जाएंगे सारे दुश्मन।।
ये भला है कि अब तक हमने,
तीसरी आंख नहीं खोली है।।
ये शहीदों की जय हिंद बोली।।


ये शहीदों की जय हिन्द बोली ऐसी वैसी ये बोली नही है। #26जनवरी2020#

यह गीत भारतीय वीर जवानों के बलिदान और मातृभूमि के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। इसमें शहीदों के जयघोष और उनके अदम्य साहस को सम्मान दिया गया है। यह गीत राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत है और सैनिकों के अद्वितीय पराक्रम को उजागर करता है। इसमें बताया गया है कि भारत के वीर योद्धा कायरता से परे हैं और रणभूमि में साहस के प्रतीक हैं। यह भजन भारतीय संस्कृति और वीरता की गूंज को सजीव करता है।

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