एक कनक अरु काँमनी विष फल कीए पाइ मीनिंग
एक कनक अरु काँमनी, विष फल कीए पाइ।
देखै ही थे विष चढ़े, खायै सूँ मरि जाइ॥
Ek Kanak Aru Kamani, Vish Phal Kie Upai,
Dekhe Hi The Vish Chadhe, Khaye Su Mari Jaai.
एक कनक अरु काँमनी : एक स्वर्ण (माया) और कामिनी, कामिनी नारी.
विष फल कीए पाइ : माया के द्वारा उत्पन्न विष फल हैं.
देखै ही थे विष चढ़े : इनको देखने मात्र से ही विष का प्रभाव होने लगता है.
खायै सूँ मरि जाइ : सेवन करने से तो अवश्य ही मृत्यु प्राप्त होती है.
कनक : सोना, स्वर्ण.
अरु : और.
काँमनी : कामिनी/नारी.
विष फल : विषकारी फल.
कीए पाइ : का पाता है.
देखै ही थे : देखने मात्र ही से.
एक कनक अरु काँमनी विष फल कीए पाइ
माया के विषय में कबीर साहेब की वाणी है की माया का ही रूप है कामिनी औरत. कामिनी स्त्री से साधक को बच कर रहना चाहिए. नारी का मायावी प्रभाव इतना है की देखने मात्र से ही विष चढ़ता है. माया और कनक (रुपया पैसा) आदि विषकारी प्रभाव रखते हैं. इनको देखने मात्र से विष चढ़ता है, यदि कोई इनका सेवन कर ले अवश्य ही उसका अंत होता है, वह नष्ट हो जाता है. इस साखी का भाव है की माया के रूप में स्त्री, सांसारिक लालसा (धन दौलत प्राप्त करने की) आदि में उलझ कर व्यक्ति भक्ति मार्ग से विमुख हो जाता है. जो भी स्त्री और माया के प्रभाव में आता है वह अमूल्य जीवन को नष्ट कर देता है. अतः इन्हें समझ कर, इनके प्रभाव को समझ कर व्यक्ति को हरी चरणों में ध्यान लगाना चाहिए.