गोविन्द चले आओ गोपाल चले आओ
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ,
मेरे मुरलीधर माधव,
नन्दलाल चले आओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
आँखों में बसे हो तुम,
धड़कन में धड़कते हो,
कुछ ऐसा करो मोहन,
स्वासों में समां जाओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
इक बार प्रभु आओ,
चाहे आके चले जाना,
जाने नहीं देंगे,
जरा जाके तो दिखलाओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
तेरे दर्शन को मोहन,
ये नैन तरसते हैं,
इक पल भी चैन नहीं,
दिन रात बरसते हैं,
इक अरज यही तुमसे,
अब और ना तड़पाओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
इक शर्त ज़माने से,
इस दिल ने लगा ली है,
या हमको बचा लो तुम,
या खुद ही चले आओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
वो कौन घड़ी होगी,
वो कौनसा पल होगा,
तेरे दर्शन कर मोहन,
मेरा जनम सफल होगा,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ,
मेरे मुरलीधर माधव,
नन्दलाल चले आओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
मेरे मुरलीधर माधव,
नन्दलाल चले आओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
आँखों में बसे हो तुम,
धड़कन में धड़कते हो,
कुछ ऐसा करो मोहन,
स्वासों में समां जाओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
इक बार प्रभु आओ,
चाहे आके चले जाना,
जाने नहीं देंगे,
जरा जाके तो दिखलाओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
तेरे दर्शन को मोहन,
ये नैन तरसते हैं,
इक पल भी चैन नहीं,
दिन रात बरसते हैं,
इक अरज यही तुमसे,
अब और ना तड़पाओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
इक शर्त ज़माने से,
इस दिल ने लगा ली है,
या हमको बचा लो तुम,
या खुद ही चले आओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
वो कौन घड़ी होगी,
वो कौनसा पल होगा,
तेरे दर्शन कर मोहन,
मेरा जनम सफल होगा,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ,
मेरे मुरलीधर माधव,
नन्दलाल चले आओ,
गोविन्द चले आओ,
गोपाल चले आओ।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
गोविन्द चले आओ गोपाल चले आओ - श्री कृष्ण भजन || गायिका शीला कलसन || Govind Chale Aao Gopal Chale Aao
Song Info: -
Title - Govind Chale Aao Gopal Chale Aao
Artist - Kajal
Singer - Sheela Kalson
Lyrics - Traditional
Music - Pardeep Panchal
Editing - KV Sain
Label - Geet Mithas
Title - Govind Chale Aao Gopal Chale Aao
Artist - Kajal
Singer - Sheela Kalson
Lyrics - Traditional
Music - Pardeep Panchal
Editing - KV Sain
Label - Geet Mithas
भगवान उनकी आँखों और धड़कनों में बसे हो, उनके सांसों में समा जाएं, और वे भक्तों के जीवन में अपना अनुग्रह प्रदान करें। यह भजन कृष्ण के दर्शन की तीव्र लालसा, उनके प्रेम में डूबे मन की वेदना और उनके प्रति विश्वास का प्रतीक है। यह भाव उस अनमोल आराधना और अंतर्निहित प्रेम को दर्शाता है जो भक्त अपने प्रभु श्रीकृष्ण के प्रति रखते हैं। इसमें भक्त स्वप्निल और भावुक मन से भगवान से निवेदन करता है कि वे अपने भक्त के मन और जीवन में इस तरह समाएं कि आत्मा पूरी तरह उनसे एकरूप हो जाए। यह प्रेम और भक्ति का ऐसा अनुरोध है कि भगवान उनके जीवन के हर पल का आधार बनें, उनका प्रकाश और शांति से हर कष्टों को दूर करें।
ऐसे ही अन्य भजन देखने के लिए कृपया होम पेज पर अवश्य विजिट करें।
