जबसे नैन लड़े गिरधर से मेरी अकल गई बोराय

जबसे नैन लड़े गिरधर से मेरी अकल गई बोराय

एक दिना मोहें मिल गयो,
वह छैला नन्द कुमार,
लूट लियो ये दिल मेरो,
सखी लूट लियो ये दिल मेरो,
अखियन में अखियां डार।

जब से नैन लड़े गिरधर से,
मेरी अकल गई बोराय,
जाने कैसा जादू डाला,
चारोँ ओर नज़र वो आए,
जब से नैन लड़े गिरधर से,
मेरी अकल गई बोराय।

वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,
जब से देखा नन्द का लाला,
मेरी अखियन आगे डोले,
उसका मुखड़ा भोला भाला,
उसके मतवारे नैनों ने,
मेरे दिल को लिया चुराय,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

उसकी देख के सूरत प्यारी,
मेरी मति गई है मारी,
ऐसी मारी नयन कटारी,
दर दर डोलूं मारी मारी,
ऐसा दर्द दिया है दिल को,
हरदम मुख से निकले हाय,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

मेरी सुध बुध सब बिसरा के,
मेरे दिल को रोग लगा के,
मोहे एक झलक दिखला के,
जाने कहाँ छिपा है जा के,
उसकी याद में मेरी अखियां,
हरपल आंसू रही बहाय,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

रो रो सारी रात बिताऊँ,
किसको मन की व्यथा सुनाऊँ,
कैसे धीरज धरु रविंदर,
कैसे इस दिल को समझाऊँ,
मैं तो हो गई रे बावरियां,
उसके बिना रहा नहीं जाए,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

जबसें नैन लड़े गिरधर से,
मेरी अकल गई बोराय,
जाने कैसा जादू डाला,
चारो ओर नज़र वो आए,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

 
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)

जब से नैना लड़े गिरधर से !! Jab Se Naina Lade Girdhar Se !! Krishna Bhajan !! Saawariya Live

Ek Dina Mohen Mil Gayo,
Vah Chhaila Nand Kumaar,
Lut Liyo Ye Dil Mero,
Sakhi Lut Liyo Ye Dil Mero,
Akhiyan Mein Akhiyaan Daar.
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