पहले चिट्ठी भेजी फिर तार भेजा, माँ ने बुलावा कई बार भेजा, बेटा नहीं आया, बेटा नहीं आया, पहले चिट्ठी भेजी फिर तार भेजा, पहले चिट्ठी भेजी फिर तार भेजा, माँ ने बुलावा कई बार भेजा, बेटा नहीं आया।
पूजा पाठ में उसका तनिक भी ध्यान ना था, क्या होती है माता उसको ज्ञान ना था, वो था बड़ा अभिमानी मुर्ख और अज्ञानी, दौलत का उसपे था नशा छाया, बेटा नहीं आया, बेटा नहीं आया, पहले चिट्ठी भेजी फिर तार भेजा, माँ ने बुलावा कई बार भेजा, बेटा नहीं आया,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
काली घनेरी दुःख की बधरी छाने लगी, उसको बुरे दिन वाली आदत आने लगी, भूल हुई पछताया, दौड़ा दौड़ा आया, आशीष माँ का तब वो पाया, बेटा चला आया, बेटा चला आया, बेटा चला आया।