ईच्छा है यही मन में मैया मेरे जीवन में भजन

ईच्छा है यही मन में मैया मेरे जीवन में भजन

(मुखड़ा)
इच्छा है यही मन में,
मैया मेरे जीवन में।
कोई ऐसा भी पल आए,
कोई ऐसा भी पल आए,
जब मुझको गले से माँ,
तू अपने लगाने को,
मूरत से निकल आए,
मूरत से निकल आए।
इच्छा है यही मन में।

(अंतरा)
जब-जब सपनों में तेरा,
दीदार करता हूँ।
विनती यही तुमसे मैं माँ,
हर बार करता हूँ।
सपनों की तरह तेरा,
मिलना ये हकीकत में,
एक बार बदल जाए,
एक बार बदल जाए।
इच्छा है यही मन में।

आँखें तेरी मूरत को जब,
निहारा करती हैं।
जाने क्या हो जाता इन्हें,
ये झर-झर बहती हैं।
नैना भी यही सोचे,
रोता इन्हें देख कर,
शायद तू पिघल जाए,
शायद तू पिघल जाए।
इच्छा है यही मन में।

मुझ पर तेरा एतबार हो,
उपकार हो जाए।
इच्छा मेरी जीवन की ये,
साकार हो जाए।
‘सोनू’ कहे फिर चाहे,
ये प्राण मेरे तन से,
उस पल ही निकल जाए,
उस पल ही निकल जाए।
इच्छा है यही मन में।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
इच्छा है यही मन में,
मैया मेरे जीवन में।
कोई ऐसा भी पल आए,
कोई ऐसा भी पल आए,
जब मुझको गले से माँ,
तू अपने लगाने को,
मूरत से निकल आए,
मूरत से निकल आए।
इच्छा है यही मन में।
 


इच्छा है यही मन में मईया मेरे जीवन में | Rani Sati dadi Bhajan | Mulchand Bajaj |Top dadi Bhajan2021

माँ से प्रत्यक्ष रूप में मिलने की इच्छा रखता है। माँ की मूर्ति को देखकर बहने वाले आँसू, उनके प्रेम और भक्ति की गहराई को दर्शाते हैं। अंततः, वह माँ से जीवनभर का आशीर्वाद और उपकार प्राप्त करने की कामना करता है।

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