ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो का अर्थ क्या होता है

Na Sawan Surango Na Bhadavo Hariyo Meaning Rajasthani Dictionary

ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो का अर्थ क्या होता है ?
यह एक राजस्थानी कहावत है जिसका अर्थ होता है की ना तो सावन रंग बिरंगा और ना ही भाद्र (भादवा) का महीना हरा।
इसका भाव है की सभी काल और परिस्थिति में एक समान रहना। यह कहावत तब कही जाती है जब व्यक्ति सभी काल, स्थिति में सम रहे, सदैव समान रहे। सदैव एक जैसा होना, एक समान होना आदि इसके अर्थ हैं। 
सैदव एक समान, सम भाव, एक जैसा, देस काल से प्रभावित नहीं होने वाला, अविचलित, अचल, एक जैसा, सदा ही एक जैसा, अचर, अविकारी आदि इसके समानार्थी शब्द हैं।

ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। 

अतः इस प्रकार से आपने जाना की "ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो" एक राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसका वाक्य में प्रयोग के आधार पर विविध प्रकार से बोला जाता है। "ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो" शब्द के हिंदी भाषा में समानार्थी शब्द (अर्थ/मीनिंग)   सैदव एक समान, सम भाव, एक जैसा, देस काल से प्रभावित नहीं होने वाला, अविचलित आदि होते हैं। " ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो" को अंग्रेजी में invariable कहते हैं। ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो से सबंधित अन्य जानकारियां निचे दी गई हैं। 
 
ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो का अर्थ हिंदी में सैदव एक समान, सम भाव, एक जैसा, देस काल से प्रभावित नहीं होने वाला, अविचलित होता है जिसके हिंदी में पर्यायवाची (अंग्रेज़ी Synonyms) निम्न होते हैं -
invariable
 
ना सावण सुरंगों ना भादवो हरयो शब्द राजस्थानी भाषा से सबंधित शब्द है। आंचलिक स्तर पर इसे कई मिलते जुलते शब्दों से जाना जाता है।
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