रोम रोम में बसा हुआ है, एक उसी का नाम, तू जप ले, राम, राम, राम, तू भज ले राम, राम, राम, रोम रोम में बसा हुआ है। रोम रोम मेँ बसा हुआ है.........।
लोभ और अभिमान छोड़िए, छोड़ जगत की माया, मन की आँखें खोल देख, कण कण में वही समाया, जहाँ झुकाए सर तू अपना, वही पे उनका धाम,
तू जप ले, राम, राम, राम, तू भज ले राम, राम, राम, रोम रोम में बसा हुआ है। रोम रोम मेँ बसा हुआ है.........।
ये मत सोच जहां मंदिर है, वही पे दीप जलेंगे, जहाँ पुकारेगा तू उनको, वही पे राम मिलेंगे, दर दर भटक रहा क्यों प्राणी, उन्ही का दामन थाम, तू जप ले, राम, राम, राम, तू भज ले राम, राम, राम,
Ram Bhajan Lyrics in Hindi RaamBhajanLyrics
रोम रोम में बसा हुआ है। रोम रोम मेँ बसा हुआ है.........।
ये संसार के नर और नारी, देवी देवता सारे, नहीं चला है कोई यहाँ पे, उनके बिना इशारे, वो चाहे सूरज निकले, वो चाहे तो ढलती शाम, तू जप ले, राम, राम, राम, तू भज ले राम, राम, राम, रोम रोम में बसा हुआ है। रोम रोम मेँ बसा हुआ है.........।
रोम रोम में बसा हुआ है, एक उसी का नाम, तू जप ले, राम, राम, राम, तू भज ले राम, राम, राम, रोम रोम में बसा हुआ है। रोम रोम मेँ बसा हुआ है.........।
Rom Rom Mein Basa Hua Hai, Ek Usi Ka Naam, Tu Jap Le, Raam, Raam, Raam, Tu Bhaj Le Raam, Raam, Raam, Rom Rom Mein Basa Hua Hai. Rom Rom Men Basa Hua Hai..........