ज्ञान ध्यान किछ कर्म न जाणा, सार न जाणा तेरी, ज्ञान ध्यान किछ कर्म न जाणा, सार न जाणा तेरी, सभ ते वड्डा सतिगुर नानक, जिन कल राखी मेरी, सभ ते वड्डा सतिगुर नानक, जिन कल राखी मेरी, तेरे सेवक कौ भी किछ नाहीं, तेरे सेवक कौ भी किछ नाही, जम नहीं आवै नेरे मेरे राम राय, तूँ संतां का संत तेरे, मेरे राम राय, तूँ संतां का संत तेरे।
बाणी गुरु गुरु है बाणी, विच बाणी अमृत सारे, गुरुबानी कहे सेवक जन माने, परतख गुरु निसतारे,
धुर की बाणी आई तिन सगळी चिंत मिटाई,
Shabad Kirtan
दयाल पुरख मेहरवाना, हर नानक साच वखाना, परमेश्वर दिता बन्ना, दुख रोग का डेरा भना, अनन्द करे नर नारी, हर हर प्रभ किरपा धारी, धुर की बाणी आई तिन सगळी चिंत मिटाई,