राम जपु राम जपु बावरे भजन

राम जपु राम जपु बावरे भजन

( २ ) राग भैरव
राम जपु, राम जपु, राम जपु, बावरे,
घोर भव नीर निधि नाम निज नांव रै।
एक ही साधन सत्र रिद्धि सिद्धि साधि रे,
 ग्रसे कलिरोग जोग संजम समाधि रे ,
भलो जो है, पोच जो है, दाहिनो जो वाम रे,
राम-नाम ही सों अंत सत्रहीको काम रे,
जग नभ-बाटिका रही है फलि फूलि रे ।
धुवाँ कैसे धौरहर देखि तू न भूलि रे ॥ ४ ॥
राम-नाम छाँड़ि जो भरोसो करें और रे ।
तुलसी परोसो त्यागि माँगे कूर कौर रे ॥ ५ ॥

राग : भैरव
राम राम जपु राम राम रटु,
राम राम जपु जीहा,
रामनाम नवनेह मेहको,
मन, हठि होहि पपीहा।

सब साधन-फल कूप सरित सर,
सागर सलिल निरासा,
रामनाम रति स्वाति सुधा,
सुभ-सीकर प्रेमपियासा।

गरजि, तरजि, पाषान बरषि पवि,
प्रीति परखि जिय जानै,
अधिक अधिक अनुराग उमँग उर,
पर परमिति पहिचानै।

रामनाम-गति, रामनाम-मति,
राम-नाम अनुरागी,
ल्है गये है जे होहिंगे,
तेइ त्रिभुवन गनियत बड़भागी।

एक अंग मग अगमु गवन कर,
बिलमु न छिन छिन छाहैं,
तुलसी हित अपनो अपनी दिसि,
निरुपधि नेम निबाहैं।

भजन श्रेणी : राम भजन (Ram Bhajan)

राम जपु बावरे I Ram Japu Bawre I Tulsidas Bhajan I Balachandra Prabhu

Raam Japu, Raam Japu, Raam Japu, Baavare,
Ghor Bhav Nir Nidhi Naam Nij Naanv Rai.
Ek Hi Saadhan Satr Riddhi Siddhi Saadhi Re,
 Grase Kalirog Jog Sanjam Samaadhi Re ,
Bhalo Jo Hai, Poch Jo Hai, Daahino Jo Vaam Re,
Raam-naam Hi Son Ant Satrahiko Kaam Re,
Jag Nabh-baatika Rahi Hai Phali Phuli Re .
Dhuvaan Kaise Dhaurahar Dekhi Tu Na Bhuli Re . 4 .
Raam-naam Chhaandi Jo Bharoso Karen Aur Re .
Tulasi Paroso Tyaagi Maange Kur Kaur Re . 5 .
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