शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार तेरे दरबार
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार तेरे दरबार
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ,
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ,
लाई तेरे दरबार माँ,
लाई तेरे दरबार माँ,
मेरी मनसा पूरी कर माँ,
तेरा करूँ आभार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(अंतरा 1)
कितने तार दिए तूने,
कितने तार रही हो माँ,
कितने तार दिए तूने,
कितने तार रही हो माँ,
अपने भक्तों की खातिर, दुष्ट मार रही हो माँ,
हम पर दया करो हे जननी,
लाई तेरा श्रृंगार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(अंतरा 2)
ऊँचे पर्वत चढ़-चढ़ के, पाँव हार रहे हैं माँ,
धूप कभी बारिश होकर, मौसम मार रहे हैं माँ,
बड़े जतन करके आई हूँ,
पाने तेरा दीदार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(अंतरा 3)
तेरी माया तू जाने, मैं तो बस इतना जानूँ,
तू मेरे कुल की देवी, मैं तो बस तुझको मानूँ,
‘दत्ता’ की तू बाँह पकड़ लो,
करो मेरा उद्धार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(पुनरावृत्ति)
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ,
लाई तेरे दरबार माँ,
मेरी मनसा पूरी कर माँ,
तेरा करूँ आभार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
तेरे दरबार माँ,
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ,
लाई तेरे दरबार माँ,
लाई तेरे दरबार माँ,
मेरी मनसा पूरी कर माँ,
तेरा करूँ आभार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(अंतरा 1)
कितने तार दिए तूने,
कितने तार रही हो माँ,
कितने तार दिए तूने,
कितने तार रही हो माँ,
अपने भक्तों की खातिर, दुष्ट मार रही हो माँ,
हम पर दया करो हे जननी,
लाई तेरा श्रृंगार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(अंतरा 2)
ऊँचे पर्वत चढ़-चढ़ के, पाँव हार रहे हैं माँ,
धूप कभी बारिश होकर, मौसम मार रहे हैं माँ,
बड़े जतन करके आई हूँ,
पाने तेरा दीदार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(अंतरा 3)
तेरी माया तू जाने, मैं तो बस इतना जानूँ,
तू मेरे कुल की देवी, मैं तो बस तुझको मानूँ,
‘दत्ता’ की तू बाँह पकड़ लो,
करो मेरा उद्धार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
(पुनरावृत्ति)
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ,
लाई तेरे दरबार माँ,
मेरी मनसा पूरी कर माँ,
तेरा करूँ आभार तेरे दरबार माँ।
शेरावाली तेरी चुनरिया लाई गोटेदार,
तेरे दरबार माँ।।
Maiya Ka Hit Bhajan !! Sherawali Teri Chunariya By Rajni Anand (HD Video Song) #Ambey Bhakti
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माँ शेरावाली के दरबार में भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम के साथ गोटेदार चुनरी अर्पित करता है, जो उसकी भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। यह चुनरी केवल एक भेंट नहीं, बल्कि भक्त के हृदय की पुकार है, जो माँ से अपनी मनोकामना पूर्ण करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की अभिलाषा रखता है। ऊँचे पर्वत पर बसे माँ के अस्थान तक पहुँचने की कठिन यात्रा, चाहे धूप हो या बारिश, भक्त की अटल निष्ठा को दर्शाती है। वह माँ की कृपा में विश्वास रखता है, जो दुष्टों का नाश करती है और अपने भक्तों की हर पुकार सुनती है। यह भक्ति का वह भाव है, जो माँ के दरबार को भक्त के लिए सबसे पवित्र और शक्तिशाली स्थान बनाता है, जहाँ वह अपनी हर आकांक्षा को माँ के चरणों में समर्पित करता है।
माँ की माया और उनकी शक्ति अथाह है, जिसे भक्त पूर्ण रूप से समझने में असमर्थ है, पर वह इतना जानता है कि माँ ही उसकी कुलदेवी और जीवन की आधारशिला है। वह माँ से केवल यही प्रार्थना करता है कि वे उसका हाथ थामें और उसके जीवन को उद्धार प्रदान करें। ‘दत्ता’ की यह पुकार माँ के प्रति उसकी पूर्ण श्रद्धा और विश्वास को दर्शाती है, जो माँ की कृपा को अपने जीवन का सबसे बड़ा वरदान मानता है। माँ का दरबार वह स्थान है, जहाँ भक्त अपने कष्टों और मनोकामनाओं को लेकर आता है, और माँ की दया से उसका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाता है। यह भक्ति का वह स्वरूप है, जो माँ की गोटेदार चुनरी को भक्त के हृदय का सबसे अनमोल उपहार बनाता है, और उसे माँ के प्रेम में सदा के लिए लीन कर देता है।
माँ की माया और उनकी शक्ति अथाह है, जिसे भक्त पूर्ण रूप से समझने में असमर्थ है, पर वह इतना जानता है कि माँ ही उसकी कुलदेवी और जीवन की आधारशिला है। वह माँ से केवल यही प्रार्थना करता है कि वे उसका हाथ थामें और उसके जीवन को उद्धार प्रदान करें। ‘दत्ता’ की यह पुकार माँ के प्रति उसकी पूर्ण श्रद्धा और विश्वास को दर्शाती है, जो माँ की कृपा को अपने जीवन का सबसे बड़ा वरदान मानता है। माँ का दरबार वह स्थान है, जहाँ भक्त अपने कष्टों और मनोकामनाओं को लेकर आता है, और माँ की दया से उसका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाता है। यह भक्ति का वह स्वरूप है, जो माँ की गोटेदार चुनरी को भक्त के हृदय का सबसे अनमोल उपहार बनाता है, और उसे माँ के प्रेम में सदा के लिए लीन कर देता है।
Song - Sherawali Teri Chunariya
Singer :- Rajni Anand (9971551057)
Music :- Virender Negi
Album :- Sherawali Teri Chunariya
Lyrics :- Praveen Dutta
Editor :- Arvind Kumar
Director :- Lucky Sukhdev
Singer :- Rajni Anand (9971551057)
Music :- Virender Negi
Album :- Sherawali Teri Chunariya
Lyrics :- Praveen Dutta
Editor :- Arvind Kumar
Director :- Lucky Sukhdev
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Author - Saroj Jangir
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