नित नियम से तू अगर, गुण श्याम को गा सी, चारों तरफ जो छा रह्यो, अन्धकार मिट ज्या सी, रास्तो रौशन हो तेरो, या में मीन ना मेख, श्याम भजाँ सूं सुख ऊपजे, इक बर भज कर देख,
कर भरोषो श्याम को, धोखो ना खावेगो, जद पड़े दरकार तूं, नेड़े ही पावेगो, जीवन भर तन्ने श्याम से, पडसी काम अनेक, श्याम भजाँ सूं सुख ऊपजे,
इक बर भज कर देख, श्याम सुधारे काज ने.................।
है दयालू देव यो, दिल खोल के देवे, द्वार पर आजा, शरण में यो तन्ने लेवे, बिन्नू यो मनोकामना, पूरी करे हरेक, श्याम भजाँ सूं सुख ऊपजे, इक बर भज कर देख, श्याम सुधारे काज ने.................।