तू आगे आगे चल बाबा मैं पीछे पीछे भजन
तू आगे आगे चल बाबा,
मैं पीछे पीछे आउंगा,
अपने असुवन की धारा से,
तेरे चरण पखारुंगा,
तू आगे आगे चल बाबा।
जब भी ठोकर खायी मैंने,
तुमको पास ही पाया है,
अपनी हर उलझन का हल,
बाबा तुमसे पाया है,
तू आगे आगे चल बाबा।
जब भी तुमको याद किया,
साथ तुम्हे हम पाते हैं,
मैरा सांवरा पलभर मे ही,
दौड़े दौड़े आते है,
तू आगे आगे चल बाबा।
जब भी आया खाटूनगरी,
मै तुझमे ही खो गया,
तेरा दर्श पा करके बाबा,
मै भी तेरा हो गया,
तू आगे आगे चल बाबा।
सिर पर रखदो हाथ मेरे,
ये जीवन सफल बना देना,
मोर छड़ी की छाया कर,
सब कष्टों को मिटा देना,
तू आगे आगे चल बाबा।
आ कर के अब गले लगा लो,
ये जीवन अब तेरा है,
कुलदीप का तेरे चरणो मे,
रहता हरदम डेरा है,
तू आगे आगे चल बाबा।
तू आगे आगे चल बाबा,
मैं पीछे पीछे आऊँगा,
अपने असुवन की धारा से,
तेरे चरण पखारुंगा,
तू आगे आगे चल बाबा।
मैं पीछे पीछे आउंगा,
अपने असुवन की धारा से,
तेरे चरण पखारुंगा,
तू आगे आगे चल बाबा।
जब भी ठोकर खायी मैंने,
तुमको पास ही पाया है,
अपनी हर उलझन का हल,
बाबा तुमसे पाया है,
तू आगे आगे चल बाबा।
जब भी तुमको याद किया,
साथ तुम्हे हम पाते हैं,
मैरा सांवरा पलभर मे ही,
दौड़े दौड़े आते है,
तू आगे आगे चल बाबा।
जब भी आया खाटूनगरी,
मै तुझमे ही खो गया,
तेरा दर्श पा करके बाबा,
मै भी तेरा हो गया,
तू आगे आगे चल बाबा।
सिर पर रखदो हाथ मेरे,
ये जीवन सफल बना देना,
मोर छड़ी की छाया कर,
सब कष्टों को मिटा देना,
तू आगे आगे चल बाबा।
आ कर के अब गले लगा लो,
ये जीवन अब तेरा है,
कुलदीप का तेरे चरणो मे,
रहता हरदम डेरा है,
तू आगे आगे चल बाबा।
तू आगे आगे चल बाबा,
मैं पीछे पीछे आऊँगा,
अपने असुवन की धारा से,
तेरे चरण पखारुंगा,
तू आगे आगे चल बाबा।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
तू आगे - आगे चल बाबा मैं पीछे - पीछे आऊंगा भजन ll किस्से श्याम के ll
Tu Aage Aage Chal Baaba,
Main Pichhe Pichhe Aaunga,
Apane Asuvan Ki Dhaara Se,
Tere Charan Pakhaarunga,
Tu Aage Aage Chal Baaba.
यह भाव सच्ची शरणागत भावना का जीवंत चित्र है, जहाँ प्रेम और विश्वास एक साथ बहते हैं। यहाँ कोई भय नहीं, कोई द्वंद नहीं—केवल एक मधुर समर्पण है। उस पथिक की आत्मा बोल उठती है जिसने जीवन की हर ठोकर पर अपने बाबा को पास पाया है। उसकी आँखों से गिरता हर आँसू अब पूजा का जल बन जाता है, क्योंकि वह आँसू अब दुख का प्रतीक नहीं, आभार का प्रसाद है। जब वह कहता है “तू आगे आगे चल बाबा, मैं पीछे पीछे आऊँगा,” तो यह केवल शाब्दिक निवेदन नहीं, बल्कि गहरा आत्मिक वचन है—कि अब जीवन की डोर पूरी तरह उस कृपा-पुरुष के हाथों में सौंप दी गई है।
यह भजन भी देखिये
