सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी भजन
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी भजन
(मुखड़ा)
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
(अंतरा)
हे भवानी सदा तेरी रखना कृपा,
तेरे चरणों से करना कभी ना जुदा।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
रूप मनमोहना मुख है चंद्रमा,
तेरे आँचल में ममता का सागर भरा।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
जो सुहागन के सर हाथ रख दे अगर,
तो सुहागन का सिंदूर करती अमर।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
हे माँ अरमान ये मुझको वरदान दे,
तेरी चौखट पे निकले मेरे प्राण ये।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
‘सोनू’ वंदन करे सदा सुमिरन करे,
तेरी सेवा में जीवन ये अर्पण करे।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
(अंतरा)
हे भवानी सदा तेरी रखना कृपा,
तेरे चरणों से करना कभी ना जुदा।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
रूप मनमोहना मुख है चंद्रमा,
तेरे आँचल में ममता का सागर भरा।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
जो सुहागन के सर हाथ रख दे अगर,
तो सुहागन का सिंदूर करती अमर।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
हे माँ अरमान ये मुझको वरदान दे,
तेरी चौखट पे निकले मेरे प्राण ये।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
‘सोनू’ वंदन करे सदा सुमिरन करे,
तेरी सेवा में जीवन ये अर्पण करे।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी।।
इस भजन के एक-एक बोल लाजवाब है || Mata Rani Bhajan || Shrinivas Sharma