नज़र नज़र में फर्क है कितना जो समझा बतलाता हूँ लिरिक्स
जय श्री श्याम ! श्री मुकेश बागड़ा के स्वर में भजन सुनिए " नजर नज़र में फर्क कितना" जिसके रचियता श्री प्रदीप जी (Pradeep Ashirwad) हैं। यह भजन अवश्य ही बहुत कुछ सिखाता है।
नज़र सुधरे नज़र बिगाड़े,
नज़र की बात बताता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
सीधी नज़र पड़ी अर्जुन पर,
सारथी बनकर साथ दिया,
तिरछी नजर दुर्योधन पर तो,
कुरुवंश का नाश किया,
नज़र नहीं पर, नज़र पे पर्दा,
कैसे पड़ा बताता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
नज़र किया जब लंकापति ने,
रत्न जड़ित उस माला को,
नज़र ना आये राम कहीं पर,
उस अंजनी के लाला को,
खोज रही थी नज़र राम को,
माला में बतलाता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
नज़र उठाकर मदद माँगती,
भरी सभा में वो नारी,
नज़र गड़ी धरती में सबकी,
खींचे दुशासन साड़ी
चीर बढ़ा पर नज़र ना आया,
किसने किया बताता हूँ
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
नज़र का इतना असर के वो,
पत्थर को तोड़ गिराती है,
अच्छी नज़र तो पुजवा दे तो,
बुरी तो सर फुड़वाती है,
नज़र से गिरना नज़र में उठना,
समझो तो समझाता हूँ
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
जग की नज़र में इस जीवन में,
भले नहीं बन पाओगे,
पड़ गई उसकी एक नज़र तो,
भव सागर तर जाओगे,
नज़र करे नर पे नारायण ,
शीर्वाद दिलाता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
नज़र की बात बताता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
सीधी नज़र पड़ी अर्जुन पर,
सारथी बनकर साथ दिया,
तिरछी नजर दुर्योधन पर तो,
कुरुवंश का नाश किया,
नज़र नहीं पर, नज़र पे पर्दा,
कैसे पड़ा बताता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
नज़र किया जब लंकापति ने,
रत्न जड़ित उस माला को,
नज़र ना आये राम कहीं पर,
उस अंजनी के लाला को,
खोज रही थी नज़र राम को,
माला में बतलाता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
नज़र उठाकर मदद माँगती,
भरी सभा में वो नारी,
नज़र गड़ी धरती में सबकी,
खींचे दुशासन साड़ी
चीर बढ़ा पर नज़र ना आया,
किसने किया बताता हूँ
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
नज़र का इतना असर के वो,
पत्थर को तोड़ गिराती है,
अच्छी नज़र तो पुजवा दे तो,
बुरी तो सर फुड़वाती है,
नज़र से गिरना नज़र में उठना,
समझो तो समझाता हूँ
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
जग की नज़र में इस जीवन में,
भले नहीं बन पाओगे,
पड़ गई उसकी एक नज़र तो,
भव सागर तर जाओगे,
नज़र करे नर पे नारायण ,
शीर्वाद दिलाता हूँ,
नज़र नज़र में फर्क है कितना,
जो समझा बतलाता हूँ।
भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)
Nazar Nazar Mein Fark | नज़र नज़र में फर्क | Latest Heart Touching Bhajan by Mukesh Bagda
Nazar Sudhare Nazar Bigaade,
Nazar Ki Baat Bataata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Sidhi Nazar Padi Arjun Par,
Saarathi Banakar Saath Diya,
Tirachhi Najar Duryodhan Par To,
Kuruvansh Ka Naash Kiya,
Nazar Nahin Par, Nazar Pe Parda,
Kaise Pada Bataata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Nazar Kiya Jab Lankaapati Ne,
Ratn Jadit Us Maala Ko,
Nazar Na Aaye Raam Kahin Par,
Us Anjani Ke Laala Ko,
Khoj Rahi Thi Nazar Raam Ko,
Maala Mein Batalaata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Nazar Uthaakar Madad Maangati,
Bhari Sabha Mein Vo Naari,
Nazar Gadi Dharati Mein Sabaki,
Khinche Dushaasan Sari
Chir Badha Par Nazar Na Aaya,
Kisane Kiya Bataata Hun
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Nazar Ka Itana Asar Ke Vo,
Patthar Ko Tod Giraati Hai,
Achchhi Nazar To Pujava De To,
Buri To Sar Phudavaati Hai,
Nazar Se Girana Nazar Mein Uthana,
Samajho To Samajhaata Hun
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Jag Ki Nazar Mein Is Jivan Mein,
Bhale Nahin Ban Paoge,
Pad Gai Usaki Ek Nazar To,
Bhav Saagar Tar Jaoge,
Nazar Kare Nar Pe Naaraayan ,
Shirvaad Dilaata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
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Nazar Ki Baat Bataata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Sidhi Nazar Padi Arjun Par,
Saarathi Banakar Saath Diya,
Tirachhi Najar Duryodhan Par To,
Kuruvansh Ka Naash Kiya,
Nazar Nahin Par, Nazar Pe Parda,
Kaise Pada Bataata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Nazar Kiya Jab Lankaapati Ne,
Ratn Jadit Us Maala Ko,
Nazar Na Aaye Raam Kahin Par,
Us Anjani Ke Laala Ko,
Khoj Rahi Thi Nazar Raam Ko,
Maala Mein Batalaata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Nazar Uthaakar Madad Maangati,
Bhari Sabha Mein Vo Naari,
Nazar Gadi Dharati Mein Sabaki,
Khinche Dushaasan Sari
Chir Badha Par Nazar Na Aaya,
Kisane Kiya Bataata Hun
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Nazar Ka Itana Asar Ke Vo,
Patthar Ko Tod Giraati Hai,
Achchhi Nazar To Pujava De To,
Buri To Sar Phudavaati Hai,
Nazar Se Girana Nazar Mein Uthana,
Samajho To Samajhaata Hun
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
Jag Ki Nazar Mein Is Jivan Mein,
Bhale Nahin Ban Paoge,
Pad Gai Usaki Ek Nazar To,
Bhav Saagar Tar Jaoge,
Nazar Kare Nar Pe Naaraayan ,
Shirvaad Dilaata Hun,
Nazar Nazar Mein Phark Hai Kitana,
Jo Samajha Batalaata Hun.
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Author - Saroj Jangir
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