सहजै सहजै सब गए हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे

सहजै सहजै सब गए हिंदी मीनिंग Sahaje Sahaje Sab Gaye Meaning Kabir Dohe, Kabir Ke Dohe (Saakhi) Hindi Arth/Hindi Meaning Sahit (कबीर दास जी के दोहे सरल हिंदी मीनिंग/अर्थ में )

सहजै सहजै सब गए, सुत बित कांमणि कांम।
एकमेक ह्नै मिलि रह्या, दास, कबीरा रांम॥
Sahaje Sahaje Sab Gae, Sut Bit Kamani Kaam,
Ekmek Hvne Mili Rahaya, Daas Kabira Raam.

सहजै सहजै सब गए : धीरे धीरे सब गए.
सुत बित कांमणि कांम : सूत, स्त्री और धन.
एकमेक ह्नै मिलि रह्या : एकमेक होकर मिल गए हैं.
दास, कबीरा रांम : राम का दास और इश्वर.
सहजै सहजै : धीरे धीरे.
सब गए : सब समाप्त हो जाने हैं.
सुत : पुत्र.
बित : बीत गई हैं.
कांमणि : कामिनी स्त्री.
कांम : काम वासना.
एकमेक : एकमेक होकर.
ह्नै : होकर.
मिलि रह्या : दास, कबीरा रांम॥

कबीर साहेब की वाणी है की धीरे धीरे सभी काम इच्छाएं मिट गई हैं. पुत्र, स्त्री और काम की इच्छाएं सभी बीत जानी है, क्षीण हो जानी हैं.
समस्त सांसारिक विषय वासनाओं के मिट जाने पर, सांसारिक इच्छाओं के मिट जाने पर जीवात्मा और पूर्ण परमात्मा एकमेक हो जाते हैं आपस में घुलमिल जाते हैं. सांसारिक विकारों के मिट जाने पर, अवरोध के हट जाने पर परमात्मा एकमेक हो जाते हैं. प्रस्तुत साखी में पुनारुक्तिप्रकाश अलंकार की व्यंजना हुई है. सहज का अर्थ है धीरे धीरे, बिना किसी कृतिम बल के सहज रूप से बिना किसी दबाव के सहज ही भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ने से व्यक्ति विषय विकार और मोह माया दूर हो जाती है. ऐसे में परमात्मा और जीवात्मा के मध्य का भेद समाप्त हो जाता है.
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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