सत्संगत में नित बैठ ज़रा जो भक्ति राम की करते हैं

सत्संगत में नित बैठ ज़रा जो भक्ति राम की करते हैं लिरिक्स

सत्संगत में नित बैठ ज़रा,
सत्संग में सरूर आ जाता है,
जो भक्ति राम की करते हैं,
उन भक्तों पे नूर आ जाता है,
सत्संगत में नित बैठ ज़रा।

तू राम नाम का रस पीले,
इसमें नशा आ जाता है,
तू कर तो सही इनकी भक्ति,
तू भक्ति में खो जाता है,
तू भक्ति में खो जाता है,
है मस्त नशा इस अमृत का,
इसमें भी सरूर आ जाता है,
सतसंगत में नित बैठ ज़रा,
सत्संग में सरूर आ जाता है।

तू इस तन पे अभिमान न कर,
ये तन तो  तेरा पानी है,
जिस वस्तु पर तू फूल रहा
ये वस्तु भी आनी जानी है,
ये वस्तु भी आनी जानी है,
प्रभु उससे खफा हो  जाते हैं,
जिसपे  गुरूर आ जाता है,
सतसंगत में नित बैठ ज़रा,
सत्संग में सरूर आ जाता है।

तू  राम नाम को ले तो सही,
तेरे कष्ट सभी कट जाएँगे ,
जो पाप भरे हैं इस मन में
वो पाप सभी धुल जाएंगे,
वो पाप सभी धुल जाएँगे,
जो भक्त हरी गुण गाते हैं,
श्री राम वहां आ जाते हैं,
सतसंगत में नित बैठ ज़रा,
सत्संग में सरूर आ जाता है।

सत्संगत में नित बैठ ज़रा,
सत्संग में सरूर आ जाता है,
जो भक्ति राम की करते हैं,
उन भक्तों पे नूर आ जाता है,
सत्संगत में नित बैठ ज़रा। 

भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)


|सत्संगत में नित बैठ ज़रा सत्संग में सुरूर आ जाता है| RAM BHAJAN BY SD|2020|

Satsangat Mein Nit Baith Zara,
Satsang Mein Sarur Aa Jaata Hai,
Jo Bhakti Raam Ki Karate Hain,
Un Bhakton Pe Nur Aa Jaata Hai,
Satsangat Mein Nit Baith Zara.

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