दुनिया में देव हज़ारों हैं, बजरंग बली का क्या कहना, इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना। दुनिया में देव हज़ारों हैं, बजरंग बली का क्या कहना।
ये सात समंदर लांघ गए ये गड गंगा में कूद गए रावण को डराना क्या कहना लंका को जलाना क्या कहना, दुनिया में देव हज़ारों हैं, बजरंग बली का क्या कहना।
जब लक्ष्मण जी बेहोश हुए संजीवनी बूटी लाने गए
पर्वत को उठाना क्या कहना लक्ष्मण को बचाना क्या कहना, दुनिया में देव हज़ारों हैं, बजरंग बली का क्या कहना।
भक्तों इनके सीने में तो दिया राम की जोड़ी बैठी है ये राम दीवाना क्या कहना गुण गाए ज़माना क्या कहना, दुनिया में देव हज़ारों हैं, बजरंग बली का क्या कहना।
दुनिया में देव हज़ारों हैं, बजरंग बली का क्या कहना, इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना।
Hanuman Bhajan Lyrics Hindi
दुनिया में देव हज़ारों हैं, बजरंग बली का क्या कहना।
|| दुनिया में देव हज़ारों हैं || बजरंग बली का क्या कहना || HANUMANJI BHAJAN || Y SD ||
Duniya Mein Dev Hazaaron Hain, Bajarang Bali Ka Kya Kahana, Inaki Shakti Ka Kya Kahana, Inaki Bhakti Ka Kya Kahana. Duniya Mein Dev Hazaaron Hain, Bajarang Bali Ka Kya Kahana.
Ye Saat Samandar Laangh Gae
Ye Gad Ganga Mein Kud Gae Raavan Ko Daraana Kya Kahana Lanka Ko Jalaana Kya Kahana, Duniya Mein Dev Hazaaron Hain, Bajarang Bali Ka Kya Kahana.
Jab Lakshman Ji Behosh Hue Sanjivani Buti Laane Gae Parvat Ko Uthaana Kya Kahana Lakshman Ko Bachaana Kya Kahana, Duniya Mein Dev Hazaaron Hain, Bajarang Bali Ka Kya Kahana.
Bhakton Inake Sine Mein To Diya Raam Ki Jodi Baithi Hai Ye Raam Divaana Kya Kahana Gun Gae Zamaana Kya Kahana, Duniya Mein Dev Hazaaron Hain, Bajarang Bali Ka Kya Kahana.
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दुनिया में देव हज़ारों हैं बजरंग बली का क्या कहना लिरिक्स Duniya Me Dev Hajaro Hain Lyrics मशहूर फिल्मी गीत/गाने Uth Jaag Musafir Bhor Bhai Aub Rain Kaha Jo Saovat Hai Song की तर्ज (धुन) पर आधारित है।
उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है जो सोवत है सो खोवत है, जो जगत है सोई पावत है
टुक नींद से अखियाँ खोल जरा, और अपने प्रभु में ध्यान लगा यह प्रीत कारन की रीत नहीं, रब जागत है तू सोवत है उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है….
जो कल करना सो आज करले, जो आज करे सो अभी करले जब चिड़िया ने चुग खेत लिया, फिर पश्त्यते क्या होवत है उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है….
नादान भुगत अपनी करनी, ऐ पापी पाप मै चैन कहाँ जब पाप की गठड़ी सीस धरी, अब सीस पकड़ क्यूँ रोवत है उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है….
उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है जो सोवत है सो खोवत है, जो जगत है सोई पावत है