गऊ माता अत्यंत ही पवित्र हैं, जिनको माँ का दर्जा दिया गया है। गाय के माहात्म्य को श्री कृष्ण जी ने स्वीकार की और गायों की रक्षा करने के कारण में "गोपाल" कहलाए। गाय में ३३ प्रकार के देवताओं का वास होता है। धार्मिक दृष्टि से पृथक वैज्ञानिक रूप से भी गाय हमारे लिए बहुत ही लाभदाई है, भले ही गाय का दूध घी हो या मूत्र या गोबर। यही कारण है की गाय के वध को वेदों में अघन्या कहा गया है जिसका मतलब होता कि गाय की हत्या करना पाप होता है।
ओम जय जय गौ माता, देवी जय जय गऊ माता, मंगल मुक्ति प्रदायनी, जन्म मरण त्राता, ॐ जय जय गऊ माता। (ओम जय जय गौ माता, देवी जय जय गऊ त्राता, मंगल मुक्ति प्रदायनी, जन्म मरण दाता, ॐ जय जय गऊ माता। )
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनी, विमल विवेक बुद्धि दैया की ||
सेवक हो चाहे दुखदाई, सा पय सुधा पियावति माई ||
शत्रु-मित्र सबको सुखदायी, स्नेह स्वभाव विश्व जैया की ||
Gau Mata / Go Mata Aarti
ओम जय श्री गोमाता, ओम जय श्री गोमाता | दुख हरनी , सुख करनी , तू ही जन्म दाता || ओम जय श्री गोमाता | देव करे आराधना , हे माँ सुर जननी | तू ही आरोग्य्द्ती , मैया तू हरनी || ओम जय श्री गोमाता | सिंग हैं , शक्ति पर्तीक तेरे, और पूंछ चवर शोभा | सूर्य चन्द्र परम नेत्र तेरे, और पूंछ चंवर चोभा , तेरे बदन में माता, ब्रह्मांड समाया | वेद ग्रंथों ने माता, गुण तेरा गाया हैं || ओम जय श्री गोमाता | तू गंगा गायत्री गीता सम अवतारी | जो जन मात्र की आरती , नित प्रतिदिन गावे | कहत महेंद्र भगत तेरा , मन वन्षित फल पावे || ओम जय श्री गोमाता |
Om Jay Jay Gau Maata, Devi Jay Jay Gau Maata, Mangal Mukti Pradaayani, Janm Maran Traata, Om Jay Jay Gau Maata. (Om Jay Jay Gau Maata, Devi Jay Jay Gau Traata, Mangal Mukti Pradaayani, Janm Maran Daata, Om Jay Jay Gau Maata. )