हिंदू धर्म में गायत्री माता का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। गायत्री माता जी ब्रह्मा जी की शक्ति से निर्मित आद्यशक्ति और उनकी पत्नी हैं। गायत्री माता से ही पूरी सृष्टि का निर्माण हुआ है। सबसे सूक्ष्म रूप में भी गायत्री माता का वास है, वह आदि शक्ति है, जिससे पूरी सृष्टि संचालित होती है। विश्व में गायत्री मंत्र को सबसे प्रभावशाली मंत्र है। गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी रोग दोष दूर होते हैं और सुख समृद्धि का वास होता है। गायत्री माता का चालीसा पाठ करने से ब्रह्मा जी और गायत्री माता जी दोनों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। सुखी जीवन की प्राप्ति और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए गायत्री चालीसा का पाठ करना चाहिए।
ध्यान धरत पुलकित हित होई, सुख उपजत दुःख दुर्मति खोई। कामधेनु तुम सुर तरु छाया, निराकार की अद्भुत माया। तुम्हरी शरण गहै जो कोई, तरै सकल संकट सों सोई। सरस्वती लक्ष्मी तुम काली, दिपै तुम्हारी ज्योति निराली। तुम्हरी महिमा पार न पावै, जो शारद शत मुख गुन गावै। चार वेद की मात पुनीता, तुम ब्रह्माणी गौरी सीता। महामन्त्र जितने जग माहीं, कोउ गायत्री सम नाहीं। सुमिरत हिय में ज्ञान प्रकासै, आलस पाप अविद्या नासै। सृष्टि बीज जग जननि भवानी, कालरात्रि वरदा कल्याणी। ब्रह्मा विष्णु रुद्र सुर जेते, तुम सों पावें सुरता तेते। तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे, जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे। महिमा अपरम्पार तुम्हारी, जय जय जय त्रिपदा भयहारी। पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना, तुम सम अधिक न जगमे आना। तुमहिं जानि कछु रहे न शेषा, तुमहिं पाय कछु रहे न कलेशा। जानत तुमहिं तुमहिं ह्वे जाई, पारस परसि कुधातु सुहाई। तुम्हरी शक्ति दिपै सब ठाई,
Chalisa Lyrics in Hindi,Gayatri Mata Bhajan Lyrics HIndi
माता तुम सब ठौर समाई। ग्रह नक्षत्र ब्रह्माण्ड घनेरे, सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे। सकल सृष्टि की प्राण विधाता, पालक पोषक नाशक त्राता । मातेश्वरी दया व्रत धारी, तुम सन तरे पातकी भारी। जापर कृपा तुम्हारी होई, तापर कृपा करें सब कोई। मन्द बुद्धि ते बुधि बल पावें, रोगी रोग रहित हो जावें। दरिद्र मिटै कटै सब पीरा, नाशै दुःख हरै भव भीरा। गृह क्लेश चित चिन्ता भारी, नासै गायत्री भय हारी। सन्तति हीन सुसन्तति पावें, सुख संपति युत मोद मनावें। भूत पिशाच सबै भय खावें, यम के दूत निकट नहिं आवें। जो सधवा सुमिरें चित लाई, अछत सुहाग सदा सुखदाई। घर वर सुख प्रद लहैं कुमारी, विधवा रहें सत्य व्रत धारी। जयति जयति जगदम्ब भवानी, तुम सम ओर दयालु न दानी। जो सतगुरु सो दीक्षा पावें, सो साधन को सफल बनावें। सुमिरन करे सुरूचि बड़भागी, लहै मनोरथ गृही विरागी। अष्ट सिद्धि नवनिधि की दाता, सब समर्थ गायत्री माता।
ऋषि, मुनि, यती, तपस्वी, योगी, आरत, अर्थी, चिन्तित, भोगी। जो जो शरण तुम्हारी आवें, सो सो मन वांछित फल पावें। बल , बुद्धि, विद्या, शील स्वभाउ, धन, वैभव, यश, तेज, उछाउ। सकल बढें उपजें सुख नाना, जे यह पाठ करे धरि ध्याना। दोहा यह चालीसा भक्ति युत, पाठ करे जो कोई, तापर कृपा, प्रसन्नता, गायत्री की होय। इति श्री गायत्री चालीसा
गायत्री माता की आरती
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता, सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता। जयति जय गायत्री माता.....। आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जन, जग पालन करती, दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह, दारिद्रय दैन्य हरती।
जयति जय गायत्री माता.....। कामधेनु सत् चित् आनन्दा, जय गंगा गीता, सविता की शाश्वती शक्ति तुम, सावित्री सीता। जयति जय गायत्री माता.....। ऋग्, यजु, साम, अथर्व, प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे, कुण्डलिनी सहस्त्रार सुषुम्ना, शोभा गुण गरिमे। जयति जय गायत्री माता....। स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रहाणी, राधा, रुद्राणी, जय सतरुपा, वाणी, विघा, कमला, कल्याणी। जयति जय गायत्री माता......। जननी हम है, दीन हीन, दुःख दरिद्र के घेरे, यदपि कुटिल, कपटी कपूत, तऊ बालक है तेरे। जयति जय गायत्री माता.....। स्नेहसनी करुणामयि माता, चरण शरण दीजे, बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे, दया दृष्टि कीजे। जयति जय गायत्री माता....। काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव, द्वेष हरिये, शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिये। जयति जय गायत्री माता.....। तुम समर्थ सब भांति तारिणी, तुष्टि पुष्टि त्राता, सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता। जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता, सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता, जयति जय गायत्री माता.....।
गायत्री चालीसा पाठ के फायदे
गायत्री माता आदिशक्ति हैं, उनकी पूजा करने से मनुष्य को सुखी जीवन की प्राप्ति होती है।
गायत्री चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति बुद्धिमान और चतुर बनता है।
चिंतन और मनन की शक्ति का विकास करने के लिए गायत्री चालीसा का पाठ अत्यंत फलदायक होता है।
नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए गायत्री चालीसा का पाठ करना चाहिए।
गायत्री चालीसा का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
गायत्री चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति रोग दोष से मुक्त होकर स्वस्थ जीवन प्राप्त करता है।
मन के अंधकार को दूर करने के लिए गायत्री चालीसा का पाठ करना चाहिए।
जीवन में आनंद प्राप्त करने के लिए गायत्री माता का चालीसा पाठ करना चाहिए।
हिंदू धर्म में ऐसा कहा गया है की गायत्री माता की पूजा करने से पृथ्वी ही स्वर्ग बन जाता है अथार्त सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
गायत्री चालीसा का पाठ करने से मन की दुर्बलता दूर होती है और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है, जिससे व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
गायत्री चालीसा पाठ से मनुष्य जीवन को स्वर्ग बना सकता है।
गायत्री चालीसा का पाठ करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
गायत्री चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति बुद्धिमान और ज्ञानी बनता है, जिससे अपने जीवन की सभी समस्याओं को दूर कर सुखी जीवन की प्राप्ति करता है।