महालक्ष्मी चालीसा लिरिक्स Mahalakshmi Chalisa Lyrics Benefits Fayde Hindi
हिंदू धर्म में महालक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है। महालक्ष्मी जी की कृपा से घर में कभी धन की कमी नहीं होती है। महालक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में सभी सुख सुविधाएं विद्यमान रहती हैं। घर का हर कोना धन-धान्य से भरा हुआ रहता है। महालक्ष्मी जी की कृपा से घर में आर्थिक संपन्नता प्राप्त होती है। महालक्ष्मी जी वैभव और प्रसिद्धि प्रदान करती हैं। महालक्ष्मी जी की कृपा होने से समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से महालक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और सभी कष्ट दूर कर सुख, समृद्धि और प्रतिष्ठा प्रदान करती हैं।
महालक्ष्मी चालीसा लिरिक्स हिंदी Mahalakshmi Chalisa Lyrics Hindi
दोहाजय जय श्री महालक्ष्मी,
करूँ माता तव ध्यान।
सिद्ध काज मम किजिये,
निज शिशु सेवक जान।
चौपाई
नमो महा लक्ष्मी जय माता,
तेरो नाम जगत विख्याता।
आदि शक्ति हो माता भवानी,
पूजत सब नर मुनि ज्ञानी।
जगत पालिनी सब सुख करनी,
निज जनहित भण्डारण भरनी।
श्वेत कमल दल पर तव आसन,
मात सुशोभित है पद्मासन।
श्वेताम्बर अरू श्वेता भूषण,
श्वेतही श्वेत सुसज्जित पुष्पन।
शीश छत्र अति रूप विशाला,
गल सोहे मुक्तन की माला।
सुंदर सोहे कुंचित केशा,
विमल नयन अरु अनुपम भेषा।
कमल नयन समभुज तव चारि,
सुरनर मुनिजनहित सुखकारी।
अद्भूत छटा मात तव बानी,
सकल विश्व की हो सुखखानी।
शांतिस्वभाव मृदुलतव भवानी,
सकल विश्व की हो सुखखानी
महालक्ष्मी धन्य हो माई,
पंच तत्व में सृष्टि रचाई।
जीव चराचर तुम उपजाये,
पशु पक्षी नर नारी बनाये।
क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए,
अमित रंग फल फूल सुहाए।
छवि विलोक सुरमुनि नर नारी,
करे सदा तव जय जय कारी।
सुरपति और नरपति सब ध्यावें,
तेरे सम्मुख शीश नवायें।
चारहु वेदन तब यश गाये,
महिमा अगम पार नहीं पाये।
जापर करहु मात तुम दाया,
सोइ जग में धन्य कहाया।
पल में राजाहि रंक बनाओ,
रंक राव कर बिमल न लाओ।
जिन घर करहुं मात तुम बासा,
उनका यश हो विश्व प्रकाशा।
जो ध्यावै से बहु सुख पावै,
विमुख रहे जो दुख उठावै।
महालक्ष्मी जन सुख दाई,
ध्याऊं तुमको शीश नवाई।
निज जन जानी मोहीं अपनाओ,
सुख संपत्ति दे दुख नशाओ।
ॐ श्री श्री जयसुखकी खानी,
रिद्धि सिद्धि देउ मात जनजानी।
ॐ ह्रीं- ॐ ह्रीं सब व्याधिहटाओ,
जनउर विमल दृष्टिदर्शाओ।
ॐ क्लीं- ॐ क्लीं शत्रु क्षय कीजै,
जनहीत मात अभय वर दीजै।
ॐ जयजयति जय जयजननी,
सकल काज भक्तन के करनी।
ॐ नमो-नमो भवनिधि तारणी,
तरणि भंवर से पार उतारिनी।
सुनहु मात यह विनय हमारी,
पुरवहु आस करहु अबारी।
ऋणी दुखी जो तुमको ध्यावै,
सो प्राणी सुख संपत्ति पावै।
रोग ग्रसित जो ध्यावै कोई,
ताकि निर्मल काया होई।
विष्णु प्रिया जय जय महारानी,
महिमा अमित ना जाय बखानी।
पुत्रहीन जो ध्यान लगावे,
पाये सुत अतिहि हुलसावे।
त्राहि त्राहि शरणागत तेरी,
करहु मात अब नेक न देरी।
आवहु मात विलंब ना कीजै,
हृदय निवास भक्त वर दीजै।
जानूं जप तप का नहीं भेवा,
पार करो अब भवनिधि वन खेवा।
विनवों बार बार कर जोरी,
पुरण आशा करहु अब मोरी।
जानी दास मम संकट टारो ,
सकल व्याधि से मोहिं उबारो।
जो तव सुरति रहै लव लाई,
सो जग पावै सुयश बढ़ाई।
छायो यश तेरा संसारा,
पावत शेष शम्भु नहिं पारा।
कमल निशदिन शरण तिहारि,
करहु पूरण अभिलाष हमारी।
दोहा
महालक्ष्मी चालीसा,
पढ़ै सुने चित्त लाय।
ताहि पदारथ मिलै अब,
कहै वेद यश गाय।
इति श्री महालक्ष्मी चालीसा
महालक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के लिए चालीसा पाठ के बाद आरती भी करें। महालक्ष्मी जी की आरती करने पर सभी संकट दूर होते हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
महालक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता,
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता,
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता,
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता,
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
जिस घर तुम रहती हो, तांहि में हैं सद्गुण आता,
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता,
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता,
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता,
उर आंनद समाता, पाप उतर जाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता,
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।
उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता,
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता,
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता,
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
जिस घर तुम रहती हो, तांहि में हैं सद्गुण आता,
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता,
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता,
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता,
उर आंनद समाता, पाप उतर जाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता.....।
महालक्ष्मी चालीसा पाठ के फायदे Mahalakshmi Chalisa/Aarti Pujan ke Benefits (Fayde) Hindi Me
- महालक्ष्मी चालीसा पाठ से घर में रिद्धि-सिद्धि का वास होता है।
- घर में सौभाग्य वृद्धि करने के लिए महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- घर में धन-धान्य की प्रचुरता हो, इसके लिए महालक्ष्मी चालीसा का पाठ अत्यंत फलदायक है।
- घर में समृद्धि प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से धन ही नहीं सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
- समाज में वैभव और प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- सभी सुखों को देने वाली देवी महालक्ष्मी ही हैं इसलिए इनका चालीसा पाठ करना फलदायक माना जाता है।
- महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से सभी रोग दोष दूर होते हैं और घर में सुख का वातावरण रहता है।
- जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सुख समृद्धि का वरदान देती हैं। महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से कभी भी आर्थिक समस्याएं नहीं आती है और धन की प्रचुरता रहती है।
- घर परिवार के सभी सदस्य आपस में प्रेम और स्नेह से रहते हैं।
- महालक्ष्मी चालीसा पाठ करने से व्यक्ति हमेशा खुश रहता है।
- मन को शांत और स्थिर बनाने के लिए महालक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
- महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से व्यापार में दिन दोगुनी और रात चौगुनी वृद्धि होती है।
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