मुझे श्याम सहारा मिल गया, अब और भला क्या माँगू, मुझे साथी प्यारा मिल गया, अब और भला क्या माँगू।
मेरी नैया थी मझधार, कर दी श्याम ने इसको पार, अब मैं इससे ज़्यादा क्या कहूं, डूबे को किनारा मिल गया, अब और भला क्या मांगू मुझे साथी प्यारा मिल गया, अब और भला क्या माँगू।
जब वक़्त बुरा था मेरा, अपनों ने मुंह था फेरा, दर दर मैं भटका बाबा, तब द्वार मिला था तेरा, जीने का गुज़ारा मिल गया, अब और भला क्या मांगू मुझे साथी प्यारा मिल गया, अब और भला क्या माँगू।
कभी सोचा ना सेवा का, ऐसा फल भी पाऊंगा, तेरे नाम के नारे बाबा, सारी दुनिया में गाऊंगा, दरबार तुम्हारा मिल गया, अब और भला क्या मांगू मुझे साथी प्यारा मिल गया, अब और भला क्या माँगू।
इस श्वेत श्याम जीवन को, रंगीन बनाया तुमने, जीते जी इस धरती पे, मुझे स्वर्ग दिखाया तुमने, जन्नत का नज़ारा मिल गया, अब और भला क्या मांगू मुझे साथी प्यारा मिल गया, अब और भला क्या माँगू।
मुझे अपनी छाँव लेकर, सारे दुःख दर्द मिटाये, तुझ जैसा पालक पाकर, सोनू दुनिया में इतराये मुझे पालनहारा मिल गया, अब और भला क्या मांगू मुझे साथी प्यारा मिल गया, अब और भला क्या माँगू।