प्यार ही है धर्म कहा तूने साईं भजन
प्यार ही है धर्म कहा तूने साईं भजन
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने,
कहा तूने साईं तूने,
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने।।
तू ज़मीं साईं, आसमां है तू,
सूर्य दिन रैना, चंद्रमा है तू।
माया तो है भरम कहा तूने,
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने।।
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने,
कहा तूने साईं तूने,
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने।।
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने,
कहा तूने साईं तूने,
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने।।
तू ज़मीं साईं, आसमां है तू,
सूर्य दिन रैना, चंद्रमा है तू।
माया तो है भरम कहा तूने,
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने।।
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने,
कहा तूने साईं तूने,
प्यार ही है धर्म कहा तूने,
दे दो मुझे अपने ग़म कहा तूने।।
Pyar Hi Hai Dharam Kaha Tune | प्यार ही है धरम कहा तूने | Sai Baba Bhajan | Vinod Rathod
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
भक्त का हृदय जब उस साईं की पावन वाणी को सुनता है, जो कहती है कि प्यार ही सच्चा धर्म है, तब वह एक गहन आध्यात्मिक प्रेम और समर्पण से भर उठता है। यह वाणी केवल शब्द नहीं, बल्कि एक गहरा सत्य है, जो भक्त को सिखाता है कि सच्चा धर्म प्रेम और करुणा में निहित है। साईं की यह पुकार कि भक्त अपने गम उसे सौंप दे, भक्त के मन को इस विश्वास से आलोकित करती है कि वह साईं हर दुख को हरने वाला और हर सुख का दाता है। यह भक्ति का वह मार्ग है, जहाँ भक्त अपने सारे दुखों को उस साईं के चरणों में अर्पित कर देता है, यह जानते हुए कि उसकी कृपा ही उसे माया के भ्रम से मुक्त करेगी।
उस साईं का स्वरूप इतना विशाल और अनंत है कि वह ज़मीन और आकाश, सूर्य और चंद्रमा, दिन और रात—सब कुछ है। भक्त का मन इस सत्य में डूब जाता है कि वह साईं ही सृष्टि का आधार है, जो माया को भ्रम बताकर प्रेम के धर्म को सर्वोपरि स्थापित करता है। यह विश्वास भक्त को उस साईं के और करीब ले जाता है, जो हर प्राणी के हृदय में प्रेम का दीप जलाता है। भक्त की यही प्रार्थना है कि वह उस साईं के प्रेम में लीन हो जाए और अपने सारे गम उसे सौंप दे, ताकि उसका जीवन उस अनंत प्रेम और कृपा के रंग में रंग जाए, जो सच्चा धर्म और सच्ची शांति का स्रोत है।
उस साईं का स्वरूप इतना विशाल और अनंत है कि वह ज़मीन और आकाश, सूर्य और चंद्रमा, दिन और रात—सब कुछ है। भक्त का मन इस सत्य में डूब जाता है कि वह साईं ही सृष्टि का आधार है, जो माया को भ्रम बताकर प्रेम के धर्म को सर्वोपरि स्थापित करता है। यह विश्वास भक्त को उस साईं के और करीब ले जाता है, जो हर प्राणी के हृदय में प्रेम का दीप जलाता है। भक्त की यही प्रार्थना है कि वह उस साईं के प्रेम में लीन हो जाए और अपने सारे गम उसे सौंप दे, ताकि उसका जीवन उस अनंत प्रेम और कृपा के रंग में रंग जाए, जो सच्चा धर्म और सच्ची शांति का स्रोत है।
Song Name: Pyar Hi Hai Dharam Kaha Tune
Album: Sai Sai Bolo Sai
Singer: Vinod Rathod
Lyricist: Bharat Acharya
Music Director: Anu Malik
Original Song: Tere Dar Par Sanam
Album: Sai Sai Bolo Sai
Singer: Vinod Rathod
Lyricist: Bharat Acharya
Music Director: Anu Malik
Original Song: Tere Dar Par Sanam
यह भजन भी देखिये
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
