साईं मस्त मलंगा मेरा साईं भजन
साईं मस्त मलंगा मेरा साईं भजन
साईं मस्त मलंगा मेरा, साईं मस्त मलंगा,
मन साईं रंग रंगा, साईं मस्त मलंगा,
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
घर-घर जाकर अलख जगाए,
मन के अंदर तल्ख जगाए,
जो खुद आकर प्यास बुझाए, ऐसी है गंगा,
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे,
एक दाता के घर हैं सारे,
फिर काहे का झगड़ा प्यारे? क्या फसाद, क्या दंगा?
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
साईं के सबसे याराने,
सबके संग निभाना जाने,
सबको देता पानी-दाने, क्या माड़ा, क्या चंगा,
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
मन साईं रंग रंगा, साईं मस्त मलंगा,
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
घर-घर जाकर अलख जगाए,
मन के अंदर तल्ख जगाए,
जो खुद आकर प्यास बुझाए, ऐसी है गंगा,
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे,
एक दाता के घर हैं सारे,
फिर काहे का झगड़ा प्यारे? क्या फसाद, क्या दंगा?
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
साईं के सबसे याराने,
सबके संग निभाना जाने,
सबको देता पानी-दाने, क्या माड़ा, क्या चंगा,
साईं मस्त मलंगा मेरा।।
Sai Baba Special Song : साई बाबा KA दिल छू लेने वाला गीत : साईं मस्त मलंग मेरा : Bahajn : #Sai_Songs
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उस परम सत्ता का स्वरूप इतना मस्त और मुक्त है कि वह भक्त के मन को अपने प्रेम और भक्ति के रंग में सराबोर कर देता है। यह रंग इतना गहरा और जीवंत है कि वह मन की हर तृष्णा को शांत करता है और उसे एक ऐसी आध्यात्मिक मस्ती में डुबो देता है, जो सांसारिक बंधनों से परे है। वह सत्ता घर-घर जाकर प्रेम और सत्य का प्रकाश फैलाती है, हृदय में सच्चाई और आत्म-जागृति का दीप जलाती है। यह उस पवित्र गंगा के समान है, जो स्वयं आकर भक्त की प्यास बुझाती है और उसे आंतरिक शांति और तृप्ति प्रदान करती है। भक्त का मन इस मस्ती में डूबकर उस साईं के साथ एक हो जाता है, जो हर प्राणी के लिए एक समान कृपा और प्रेम बरसाता है।
यह सत्ता सभी धर्मों और विश्वासों को एक सूत्र में बाँधती है, क्योंकि वह मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे में एक ही दाता के रूप में विराजमान है। वह भक्तों को सिखाती है कि सत्य और प्रेम के सामने झगड़े और द्वेष का कोई स्थान नहीं। उसका प्रेम इतना व्यापक है कि वह हर प्राणी के साथ याराना निभाता है, सबको बिना भेदभाव के जीवन के लिए आवश्यक दान और प्रेम प्रदान करता है। यह साईं का वह मस्त मलंग स्वरूप है, जो भक्तों को सिखाता है कि जीवन का सच्चा सुख सभी के साथ प्रेम और एकता में है। भक्त का हृदय इस मस्ती में लीन होकर उस सत्ता के साथ एकरूप हो जाता है, जो हर अच्छे-बुरे को स्वीकार कर, सबको अपनी कृपा से नवाजता है।
यह सत्ता सभी धर्मों और विश्वासों को एक सूत्र में बाँधती है, क्योंकि वह मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे में एक ही दाता के रूप में विराजमान है। वह भक्तों को सिखाती है कि सत्य और प्रेम के सामने झगड़े और द्वेष का कोई स्थान नहीं। उसका प्रेम इतना व्यापक है कि वह हर प्राणी के साथ याराना निभाता है, सबको बिना भेदभाव के जीवन के लिए आवश्यक दान और प्रेम प्रदान करता है। यह साईं का वह मस्त मलंग स्वरूप है, जो भक्तों को सिखाता है कि जीवन का सच्चा सुख सभी के साथ प्रेम और एकता में है। भक्त का हृदय इस मस्ती में लीन होकर उस सत्ता के साथ एकरूप हो जाता है, जो हर अच्छे-बुरे को स्वीकार कर, सबको अपनी कृपा से नवाजता है।
⇒Song Name - Sai Mast Malanga Mera
⇒Singer - Ravish Pandit
⇒Music - Bijender Chauhan
⇒Album Name: Sai Mast Malanga Mera
⇒Singer - Ravish Pandit
⇒Music - Bijender Chauhan
⇒Album Name: Sai Mast Malanga Mera
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Author - Saroj Jangir
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