साई का कहना है सबका मालिक एक है
साई का कहना है सबका मालिक एक है
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
पाएगा वो उसको जिसकी नीयत नेक है,
पाएगा वो उसको जिसकी नीयत नेक है।
हरी रूप में साई को जानो रे,
साई का कहना तुम सब मानो रे।
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
साई का कहना है सबका मालिक एक है।
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम।।
साई का कहना है, किसी भूखे-प्यासे को
तुम भोजन करवा दो, वही पूजा है।
तुम भोजन करवा दो, वही पूजा है।
साई का कहना है, यदि बेसहारों को
गर तुम सहारा दो, वही पूजा।
गर तुम सहारा दो, वही पूजा।
ये दुनिया कायम है जब तक भक्ति शेष है,
हरी रूप में साई को जानो रे,
साई का कहना तुम सब मानो रे।
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
साई का कहना है सबका मालिक एक है।
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम।।
साई का कहना है, ये सब धर्मों वाले
गर मिलके रहें सारे, वही पूजा है।
साई का कहना है, ना छोटा-बड़ा कोई,
तुम सबसे प्यार करो, वही पूजा है।
तुम सबसे प्यार करो, वही पूजा है।
कुदरत के सब बंदे हैं, नूर सबमें एक है।
हरी रूप में साई को जानो रे,
साई का कहना तुम सब मानो रे।
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
साई का कहना है सबका मालिक एक है।
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम।।
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
पाएगा वो उसको जिसकी नीयत नेक है,
पाएगा वो उसको जिसकी नीयत नेक है।
हरी रूप में साई को जानो रे,
साई का कहना तुम सब मानो रे।
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
साई का कहना है सबका मालिक एक है।
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम।।
साई का कहना है, किसी भूखे-प्यासे को
तुम भोजन करवा दो, वही पूजा है।
तुम भोजन करवा दो, वही पूजा है।
साई का कहना है, यदि बेसहारों को
गर तुम सहारा दो, वही पूजा।
गर तुम सहारा दो, वही पूजा।
ये दुनिया कायम है जब तक भक्ति शेष है,
हरी रूप में साई को जानो रे,
साई का कहना तुम सब मानो रे।
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
साई का कहना है सबका मालिक एक है।
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम।।
साई का कहना है, ये सब धर्मों वाले
गर मिलके रहें सारे, वही पूजा है।
साई का कहना है, ना छोटा-बड़ा कोई,
तुम सबसे प्यार करो, वही पूजा है।
तुम सबसे प्यार करो, वही पूजा है।
कुदरत के सब बंदे हैं, नूर सबमें एक है।
हरी रूप में साई को जानो रे,
साई का कहना तुम सब मानो रे।
साई का कहना है सबका मालिक एक है,
साई का कहना है सबका मालिक एक है।
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम साईराम,
साईराम।।
Sai Ka Kehna Hai | Sai Baba Song | Sapna Mukherjee | Sai Baba Bhajan | Bhakti Song |Baba Bhajan Song
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उस परम सत्ता का संदेश यह है कि समस्त सृष्टि का स्वामी एक ही है, और वह सत्य हर उस हृदय में बसता है, जो निर्मल और नेक नियत से उसकी खोज करता है। यह सत्य सभी धर्मों और विश्वासों को एक सूत्र में बाँधता है, जो यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और पूजा केवल मंदिरों या कर्मकांडों तक सीमित नहीं, बल्कि वह हर उस कार्य में निहित है, जो प्रेम, करुणा और सेवा के भाव से किया जाता है। भक्त का मन जब इस सत्य को आत्मसात करता है, तो वह हर प्राणी में उसी एक सत्ता के दर्शन करता है, और उसका जीवन प्रेम और एकता के मार्ग पर चल पड़ता है। यह विश्वास कि हर इंसान में वही नूर समाया है, भक्त को सभी के प्रति समान प्रेम और सम्मान की भावना से भर देता है।
सच्ची पूजा का मार्ग वह है, जहाँ भक्त भूखे-प्यासे को भोजन देता है, बेसहारा को सहारा देता है, और सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलजुल कर रहता है। यह सेवा और प्रेम ही वह सच्ची भक्ति है, जो उस परम सत्ता को प्रसन्न करती है। भक्त का हृदय इस सत्य को अपनाकर यह समझता है कि न कोई छोटा है, न बड़ा—सभी उस एक मालिक के बराबर हैं। यह भावना भक्त को सिखाती है कि दुनिया तब तक कायम है, जब तक प्रेम और भक्ति का यह प्रकाश बरकरार है। उस साईं के इस संदेश को मानकर भक्त अपने जीवन को उस अनंत सत्य के रंग में रंग लेता है, जो हर प्राणी को एक ही नूर से जोड़ता है और उसे प्रेम, करुणा और एकता के मार्ग पर ले जाता है।
सच्ची पूजा का मार्ग वह है, जहाँ भक्त भूखे-प्यासे को भोजन देता है, बेसहारा को सहारा देता है, और सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलजुल कर रहता है। यह सेवा और प्रेम ही वह सच्ची भक्ति है, जो उस परम सत्ता को प्रसन्न करती है। भक्त का हृदय इस सत्य को अपनाकर यह समझता है कि न कोई छोटा है, न बड़ा—सभी उस एक मालिक के बराबर हैं। यह भावना भक्त को सिखाती है कि दुनिया तब तक कायम है, जब तक प्रेम और भक्ति का यह प्रकाश बरकरार है। उस साईं के इस संदेश को मानकर भक्त अपने जीवन को उस अनंत सत्य के रंग में रंग लेता है, जो हर प्राणी को एक ही नूर से जोड़ता है और उसे प्रेम, करुणा और एकता के मार्ग पर ले जाता है।
Song Name: Sai Ka Kehna Hai
Singer: Sapna Mukherjee
Lyricist: Shyam Anuragi
Music Director: Kamlesh Mishra
Album: Satya Sai Vandana
Singer: Sapna Mukherjee
Lyricist: Shyam Anuragi
Music Director: Kamlesh Mishra
Album: Satya Sai Vandana
उस परम सत्ता का संदेश यह है कि समस्त सृष्टि का स्वामी एक ही है, और वह सत्य हर उस हृदय में बसता है, जो निर्मल और नेक नियत से उसकी खोज करता है। यह सत्य सभी धर्मों और विश्वासों को एक सूत्र में बाँधता है, जो यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति और पूजा केवल मंदिरों या कर्मकांडों तक सीमित नहीं, बल्कि वह हर उस कार्य में निहित है, जो प्रेम, करुणा और सेवा के भाव से किया जाता है। भक्त का मन जब इस सत्य को आत्मसात करता है, तो वह हर प्राणी में उसी एक सत्ता के दर्शन करता है, और उसका जीवन प्रेम और एकता के मार्ग पर चल पड़ता है। यह विश्वास कि हर इंसान में वही नूर समाया है, भक्त को सभी के प्रति समान प्रेम और सम्मान की भावना से भर देता है।
सच्ची पूजा का मार्ग वह है, जहाँ भक्त भूखे-प्यासे को भोजन देता है, बेसहारा को सहारा देता है, और सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलजुल कर रहता है। यह सेवा और प्रेम ही वह सच्ची भक्ति है, जो उस परम सत्ता को प्रसन्न करती है। भक्त का हृदय इस सत्य को अपनाकर यह समझता है कि न कोई छोटा है, न बड़ा—सभी उस एक मालिक के बराबर हैं। यह भावना भक्त को सिखाती है कि दुनिया तब तक कायम है, जब तक प्रेम और भक्ति का यह प्रकाश बरकरार है। उस साईं के इस संदेश को मानकर भक्त अपने जीवन को उस अनंत सत्य के रंग में रंग लेता है, जो हर प्राणी को एक ही नूर से जोड़ता है और उसे प्रेम, करुणा और एकता के मार्ग पर ले जाता है।
सच्ची पूजा का मार्ग वह है, जहाँ भक्त भूखे-प्यासे को भोजन देता है, बेसहारा को सहारा देता है, और सभी धर्मों के लोगों के साथ मिलजुल कर रहता है। यह सेवा और प्रेम ही वह सच्ची भक्ति है, जो उस परम सत्ता को प्रसन्न करती है। भक्त का हृदय इस सत्य को अपनाकर यह समझता है कि न कोई छोटा है, न बड़ा—सभी उस एक मालिक के बराबर हैं। यह भावना भक्त को सिखाती है कि दुनिया तब तक कायम है, जब तक प्रेम और भक्ति का यह प्रकाश बरकरार है। उस साईं के इस संदेश को मानकर भक्त अपने जीवन को उस अनंत सत्य के रंग में रंग लेता है, जो हर प्राणी को एक ही नूर से जोड़ता है और उसे प्रेम, करुणा और एकता के मार्ग पर ले जाता है।
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Author - Saroj Jangir
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