दर तुम्हारे झुकाया ये सर साईं बाबा करो इक नज़र

दर तुम्हारे झुकाया ये सर साईं बाबा करो इक नज़र

दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साईं बाबा, करो इक नज़र।
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साईं बाबा, करो इक नज़र।।

तुम्हारा चाहने वाला हूँ, हूँ दीवाना मैं,
बनूँ फिर संगदिल ज़माने का निशाना मैं,
दर तुम्हारे बीते ये उम्र,
साईं बाबा, करो इक नज़र,
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साईं बाबा, करो इक नज़र।।

दिलों के जानते हो राज़, क्या बताएँ तुम्हें,
दर्द अपना हम रो-रो करके क्या सुनाएँ तुम्हें,
ना किसी से हो तुम बेख़बर,
साईं बाबा, करो इक नज़र,
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साईं बाबा, करो इक नज़र।।

तुम मिलो साईं, तो मैं हर ख़ुशी क़ुर्बान कर दूँ,
जवानी क्या है, तुम पे उम्र ये क़ुर्बान कर दूँ,
क्यों मैं भटकूँ यहाँ दर-बदर,
साईं बाबा, करो इक नज़र,
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साईं बाबा, करो इक नज़र।।


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भक्त का हृदय जब उस परम सत्ता के चरणों में नतमस्तक होता है, तब वह एक ऐसी गहन आकांक्षा और समर्पण से भर उठता है, जो उसे उस साईं की एक नज़र की प्रार्थना करने को प्रेरित करता है। यह नमन केवल बाहरी क्रिया नहीं, बल्कि एक आंतरिक पुकार है, जो उस सत्ता के प्रति असीम प्रेम और विश्वास को प्रकट करती है। भक्त अपने आप को उस साईं का दीवाना मानता है, जो इस कठोर संसार की निष्ठुरता और तानों के बीच उसका एकमात्र आश्रय है। वह अपनी समस्त आयु, अपने जीवन के हर क्षण को उसी के चरणों में अर्पित करने को तत्पर है, यह विश्वास रखते हुए कि उसकी एकमात्र कृपादृष्टि उसके जीवन को अर्थ और प्रकाश से भर देगी।

उस साईं की करुणा इतनी गहन है कि वह हर हृदय की गहराइयों को जानता है, हर दर्द को समझता है, और भक्त को अपने मन की व्यथा को बार-बार बयान करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। भक्त का मन इस सत्य में लीन हो जाता है कि वह सत्ता कभी अनजान नहीं, बल्कि सदा अपने भक्तों की पुकार को सुनती है। वह अपनी सारी खुशियाँ, यहाँ तक कि अपनी जवानी और जीवन को भी उस साईं पर न्योछावर करने को तैयार है, क्योंकि उसे यकीन है कि उसकी कृपा ही उसे दर-दर की ठोकरों से बचा सकती है। यह भक्ति का वह पथ है, जहाँ भक्त अपने समस्त दुख और भटकन को उस सत्ता के चरणों में समर्पित कर देता है, और उसकी एक नज़र की प्रतीक्षा में अपने जीवन को पूर्णतः अर्पित कर देता है।
 
Song : Dar Tumhare Jhukaya Ye Sir 
Singer : Ranjeet Raja
Copyright: JMD Enterprises
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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