इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलू मैं तेरी बदौलत हूँ ये बात नहीं भूलू
खुशियों के उजाले में सब साथ निभाते हैं जब रात हो गम की तो कोई नज़र ना आते हैं उस वक़्त दिया तुमने मेरा साथ नहीं भूलू
इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलू
कितने ही अपनों से तुमने मिलवाया है नफरत के पुतले को प्रभु प्रेम सिखाया है जो तुमसे भरे दिल में जज़्बात नहीं भूलू इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलू
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
अपनों को भीड़ में जब तन्हाई ने घेरा था कहने को थे सब अपने पर कोई ना मेरा था तुमने ही रखा उस पल सर पे हाथ नहीं भूलू इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलू
बेकार था बेबस था गुमनाम जहाँ में था सोनू मुझे याद रहे था कौन कहाँ मैं था कितना ही नाम मिले औकात नहीं भूलू इतनी किरपा करना तुम्हे नाथ नहीं भूलू