कान्हां आ जाओ ब्रज में तुझे तेरी राधा पुकारे
थक गई आँखें देखते देखते,
राह तिहारी श्याम,
अब तो आ जाओ ब्रज में,
ओ मुरलीधर श्याम।
कान्हां आ जाओ ब्रज में,
तुझे तेरी राधा पुकारे,
रो रो कर तेरी राह निहारे,
निसदिन सांझ सखा रे,
कान्हा आ जाओ ब्रज में,
तुझे तेरी राधा पुकारे,
कान्हाँ आ जाओ, कान्हा आ जाओ,
आके ना जाओ कान्हा, आ जाओ,
कान्हां आ जाओ ब्रज में,
तुझे तेरी राधा पुकारे।
बरसाने से वृन्दावन तक,
ब्रज गोकुल से जमुना तट तक,
दौड़ लगाए राधा पूछे किसी ने,
कान्हा को देखा रे देखा रे देखा रे,
कान्हां आ जाओ ब्रज में,
तुझे तेरी राधा पुकारे।
जबसे गए तुम ब्रज को छोड़ कर,
रह गई राधा जोगन होकर,
देख सको तो देख लो आके कान्हा,
राधा हो गयी तुझ बिन क्या से क्या रे,
कान्हां आ जाओ ब्रज में,
तुझे तेरी राधा पुकारे।
जिनके माखन तूने चुराए,
जिनको चीर चुराके सताये,
जिनकी गगरी तूने फोड़ी,
वो भी कहते रहते,
कान्हा आजा आजा आजा रे,
कान्हां आ जाओ ब्रज में,
तुझे तेरी राधा पुकारे।
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
कान्हा आ जाओ ब्रज में| Kanha Aa Jao Brij Mein |Shri Krishna Beautiful Bhajan | Pandit Vandana Sargam
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