बालाजी मन्नै नौकर लाले मन भा गया दरबार
बालाजी मन्नै नौकर लाले मन भा गया दरबार
बालाजी मन्नै नौकर लाले,
मन भा गया दरबार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
उठ सवेरे झाड़ू लेके,
बाबा भवन बुहारूँ,
तेरे भक्तां की धूल झड़े जो,
मस्तक ऊपर धरूँगा,
अपने सिर पे तारूँगा,
अपने सिर पे तारूँगा,
कर्जा पवन कुमार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
इष्ट देव तूं मेरा हो बाबा,
बसया दिल के भीतर,
अब तलक था पता नहीं मैं,
भटकता रहा अंधेरों में,
मात पिता अरु कुटुंब कबीला,
तुं है स परिवार मेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
निर्मल जल नहावण खातिर,
ताजा पानी भर दूँगा,
दही मठ्ठा केसर घोल के,
इत्र कंवड़ चढ़ा दूँगा,
अपने हाथ सजाऊँ तुझे,
अपने हाथ सजाऊँ तुझे,
बालाजी श्रृंगार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
सतपकवानी पेड़े बर्फी,
दूध चूरमा धर दूँगा,
छप्पन भोग थाल सजाकर,
पवनसुत अर्पण कर दूँगा,
मेरे बस की बात नहीं,
मेरे बस की बात नहीं,
मन्नै दुखी कर स प्यार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
कृष्णलाल ब्राह्मण तेरा,
जी से प्यारा लागै स,
तेरे दर्शन की खातिर मन,
पक्षी बन उड़ भागै स,
सिर पे हाथ गुरु का हो,
सिर पे हाथ गुरु का हो,
बता दे कर ले संसार मेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले,
मन भा गया दरबार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
मन भा गया दरबार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
उठ सवेरे झाड़ू लेके,
बाबा भवन बुहारूँ,
तेरे भक्तां की धूल झड़े जो,
मस्तक ऊपर धरूँगा,
अपने सिर पे तारूँगा,
अपने सिर पे तारूँगा,
कर्जा पवन कुमार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
इष्ट देव तूं मेरा हो बाबा,
बसया दिल के भीतर,
अब तलक था पता नहीं मैं,
भटकता रहा अंधेरों में,
मात पिता अरु कुटुंब कबीला,
तुं है स परिवार मेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
निर्मल जल नहावण खातिर,
ताजा पानी भर दूँगा,
दही मठ्ठा केसर घोल के,
इत्र कंवड़ चढ़ा दूँगा,
अपने हाथ सजाऊँ तुझे,
अपने हाथ सजाऊँ तुझे,
बालाजी श्रृंगार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
सतपकवानी पेड़े बर्फी,
दूध चूरमा धर दूँगा,
छप्पन भोग थाल सजाकर,
पवनसुत अर्पण कर दूँगा,
मेरे बस की बात नहीं,
मेरे बस की बात नहीं,
मन्नै दुखी कर स प्यार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले...
कृष्णलाल ब्राह्मण तेरा,
जी से प्यारा लागै स,
तेरे दर्शन की खातिर मन,
पक्षी बन उड़ भागै स,
सिर पे हाथ गुरु का हो,
सिर पे हाथ गुरु का हो,
बता दे कर ले संसार मेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
बालाजी मन्नै नौकर लाले,
मन भा गया दरबार तेरा,
तेरे भवन में पड़ा रहूँगा,
बणके सेवादार तेरा।।
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Admin - Saroj Jangir
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