उनाळो हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब

उनाळो हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब Unalo/Unyaalo Hindi Meaning Rajasthani Word Meaning Rajasthani Dictionary

उनाळो/उन्यालो (Unalo/Unyaalo ) : राजस्थानी भाषा में विशेषकर शेखावाटी/ढूंढाड़ क्षेत्र में गर्मियों के मौसम, उष्णकाल, ग्रीष्म काल  को उन्हाळा / उनालो,  उनाळो/उन्यालो कहा जाता है। राजस्थान में मई, जून, जुलाई और अगस्त में विशेष रूप से गर्मी पड़ती है, जिनमें मई का महीना अत्यधिक गर्म होता है।
अतः राजस्थानी भाषा में गर्मियों के मौसम/Summer को ही उनाळो/उन्यालो कहते हैं।  वर्ष का सबसे गर्म मौसम, उत्तरी गोलार्ध में जून से अगस्त तक और दक्षिणी गोलार्ध में दिसंबर से फरवरी तक।
सियाळो खाटू भलो, उनाळो अजमेर,
मारवाड़ नितरो भलो अर सावण बीकानेर
सियाळो सीकर भलो, उनाळो अजमेर,
नागौणो नित रो भलो, सावन बीकानेर’
  • Unhyalo means summer season in Rajasthan.
Unhalo Means :-
  • गर्मी heat, summer
  • ग्रीष्म summer
  • ग्रीष्म ऋतु summer
  • गरमी का मौसम summer
  • शहतीर purlin, chevron, beam, girder, joist, summer
  • समर summer, samar
उनाळो शब्द का अर्थ "गर्मियों के मौसम, उष्णकाल" होता है। शाब्दिक रूप से अर्थ में भिन्नता आ सकती है.
 
उनाळो शब्द (राजस्थानी) का मतलब "गर्मियों के मौसम, उष्णकाल" होता है. शाब्दिक रूप से अर्थ कुछ भिन्न हो सकता है. 
 
"Unalo/Unyaalo" Means "Summer Season in Rajasthan" in English Language. Meaning can vary as the Regional Language.  Remember that the meaning of the word is based on the characteristics of a word. You will also find below synonyms for "Unalo/Unyaalo"
 
 
 
Unalo/Unyaalo Rajasthani Word Hindi Meaning
 

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उनाळो के उदाहरण Unalo/Unyaalo Rajasthani Word Examples in Hindi

उनाळो राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसके निम्न उदाहरण हैं, आइये इस शब्द को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। 
 
  • ई धरती में निपजै देखो, कैसा कैसा लाल, करे उनाळो जग मं सारी दुनिया होय निहाल। खेतां मं तो सरसूं फूले, अर जौवां मं दंगी, साजन जी के सागै
  • गाढो जी तपे मास उनाळो ॥ १० ॥ तुदुख - भंजण , तु सिरज ण सांमी । तीनां भवां रो अन्तरजामी । च्यारां दीपां में थांरी जी प्राणो ।
  • चार मास उनाळो । मीराँ ने श्री गिरधर मिलिया । लागो रितु बरमाळो ॥४ ॥ विरहभाव बैद को सारो नाही रे माई बैद को नाहीं सारो ॥० ॥
  • कवि की कविता के कुछ पद्यांश नीचे प्रस्तुत किये जा रहे हैंअगन - झलां उकळं उनाळो अवनी बरणी प्रो असाढ रा मेघ अचपळा अब तो बरसण आव ।
  • बारहमासौ : उनाळो देखौ ! चेत लागतां ही जाणै जीवण में नयो संचार सरू हुयौ है । बनराय फूटण के साथ ही कांकड़ सोरमसूं भर ज्यावै ।
  • आयो राधा के कृष्ण उनाळो , लगे दिवस खारो लूवाळो । रेसां गिरिवर पास बँखाळो
  • पूरै जीवन हुयो उनाळो , चाल आंधी एक मोर बिचारो चढ्यो पोंपली , दूट्यो डाळो निकल्यो सांस । किलकर मारी राज कुमारी , हो जिस्यो हो चाल्यो
  • सियाळो , उनाळो , चौमासो किसी ही रुत हुवो । गूंगळी रो एक पहरावो हुवे , फाड्योड़ो मेलो कुचेलो सो स्याड़ियो
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