आई जगराते की रात मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी

आई जगराते की रात मैं चुनर ओढ़ के नाचूंगी


ओढ़ के नाचूँगी,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी,
आई जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी।

कलश धराया है अँगने में,
चौक पुराया है,
मेरी माँ का है नवरात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी,
आई जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी।

लाल चुनरिया लाई हूँ,
पंडाल सजाया है,
भक्ति में किया करामात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी,
आई जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी।

लाज का बंधन तोड़ दिया,
ममता की छाँव में,
हुई खुशियों की बरसात,
मैं घूँघट ओढ़ के नाचूँगी,
आई जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी।

ओढ़ के नाचूँगी,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी,
आई जगराते की रात,
मैं चुनर ओढ़ के नाचूँगी।


माता भजन - आई जगराते की रात | Dimpal Bhumi Bhajan | Maiya Bhajan | Devi Bhajan | Mata Bhajan Song

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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