अगर तूने दया का हाथ सिर पर ना धरा होता लिरिक्स Agar Tune Daya Ka Hath Lyrics

अगर तूने दया का हाथ सिर पर ना धरा होता लिरिक्स Agar Tune Daya Ka Hath Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Singer Name: Manoj Mishra

अगर तूने दया का हाथ,
सिर पर ना धरा होता,
तो मिट जाती मेरी हस्ती,
ना जाने कहाँ पड़ा होता,
अग़र तूने दया का हाथ,
सिर पे ना धरा होता.....।

सितमग़र बन के दुनिया ने,
सितम लाखों ही ढ़ाये हैं,
तभी तो हारकर बाबा,
तुम्हारे द्वार आये हैं,
अगर पग पग पे सुख दुख में,
तू संग में ना खड़ा होता,
तो मिट जाती मेरी हस्ती,
ना जाने कहाँ पड़ा होता,
अग़र तूने दया का हाथ,
सिर पे ना धरा होता.....।

मुझे जब याद आता है,
वो तूफानों का था मंज़र,
कहीं मर जाऊँ ना डर से,
बड़ा भय था मेरे अंदर,
मेरे खातिर तूफानों से,
अगर तू ना लड़ा होता,
तो मिट जाती मेरी हस्ती,
ना जाने कहाँ पड़ा होता,
अग़र तूने दया का हाथ,
सिर पे ना धरा होता.....।

बड़ा ग़मगीन रहता था,
मैं क्या क्या अपनी बतलाऊँ,
कलेजा चीर के अपने,
मैं कैसे दुखड़े दिखलाऊं,
अगर इस श्याम का दामन,
खुशी से ना भरा होता,
तो मिट जाती मेरी हस्ती,
ना जाने कहाँ पड़ा होता,
अग़र तूने दया का हाथ,
सिर पे ना धरा होता.....।

अगर तूने दया का हाथ,
सिर पर ना धरा होता,
तो मिट जाती मेरी हस्ती,
ना जाने कहां पड़ा होता,
अग़र तूने दया का हाथ,
सिर पे ना धरा होता.....।


भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)


Agar Tune Daya Ka - अगर तूने दया का || Latest Khatu Shyam Bhajan 2015 || Manoj Mishra

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Sir Par Na Dhara Hota,
To Mit Jati Meri Hasti,
Na Jane Kahan Pada Hota,
Agar Tune Daya Ka Hath,
Sir Pe Na Dhara Hota......

Sitamagar Ban Ke Duniya Ne,
Sitam Lakhon Hi Dhaye Hain,
Tabhi To Harakar Baba,
Tumhare Dvar aye Hain,
Agar Pag Pag Pe Sukh Dukh Mein,
Tu Sang Mein Na Khada Hota,
To Mit Jati Meri Hasti,
Na Jane Kahan Pada Hota,
Agar Tune Daya Ka Hath,
Sir Pe Na Dhara Hota......

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Kahin Mar Jaun Na Dar Se,
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Mere Khatir Tuphanon Se,
Agar Tu Na Lada Hota,
To Mit Jati Meri Hasti,
Na Jane Kahan Pada Hota,
Agar Tune Daya Ka Hath,
Sir Pe Na Dhara Hota......

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Kaleja Chir Ke Apane,
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Khushi Se Na Bhara Hota,
To Mit Jati Meri Hasti,
Na Jane Kahan Pada Hota,
Agar Tune Daya Ka Hath,
Sir Pe Na Dhara Hota......

Agar Tune Daya Ka Hath,
Sir Par Na Dhara Hota,
To Mit Jati Meri Hasti,
Na Jane Kahan Pada Hota,
Agar Tune Daya Ka Hath,
Sir Pe Na Dhara Hota......
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