चलती है सारी शृष्टि महाकाल के दर से

चलती है सारी शृष्टि महाकाल के दर से

मेरे महाकाल की मर्जी से,
ये सूर्य की किरणें निकलती हैं,
मेरे महाकाल की कृपा से,
ये शृष्टि सारी चलती है।
चलती है सारी शृष्टि,
उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से,
मेरे महाकाल के दर से।

ब्रह्मा और विष्णु भी,
महाकाल का गुणगान करें,
वंदना शिव की सभी,
वैद और पुराण करें,
देवों ने तत्व पाया,
उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से,
मेरे महाकाल के दर से।

मेरे महाकाल से,
यम काल सभी डरते हैं,
अकाल मौत भी,
आये तो उसको हरते हैं,
वो काल भी घबराए,
महाकाल के डर से,
मेरे महाकाल के दर से,
मेरे महाकाल के दर से।

जो भी दर्शन को बाबा,
तेरे शहर आता है,
सभी बंधन से बाबा,
मुक्त वो हो जाता है,
जाता ना कोई खाली,
उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से,
मेरे महाकाल के दर से।

मेरे महाकाल की तो,
बात ही निराली है,
आता जो दर पे इनके,
जाता नहीं खाली है,
मेरे महाकाल की तो,
बात ही निराली है।
मेरे महाकाल ने,
जिस जिस पे नजर डाली है,
जिंदगी रोशन हुई,
रोज ही दिवाली है,
मेरे महाकाल की तो,
बात ही निराली है।

मेरे महाकाल की तो,
दुनिया ही दीवानी है,
बनाते बिगड़ी सबकी,
भोले ओघड़ दानी हैं,
आसरा पाया है कृष्णा ने,
बाबा तेरे ही दर से,
मेरे महाकाल के दर से,
मेरे महाकाल के दर से।

भजन श्रेणी : शिव भजन ( Shiv Bhajan)



श्रावण स्पेशल 2022 | चलती है सारी सृष्टि महाकाल के दर से | Mahakal ke Dar se | Singer Krishna Rajput

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