मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर, दया के सागर, कृपा के सागर, मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर।
गुरु मिले ऐसे, पार ब्रह्म जैसे, शुक्र करूँ मैं, बताये कोई कैसे, बताये कोई कैसे, बनाया निज़ चाकर,
मैं खुश हुआ आकर, मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर।
शीतलता अति, पहुँच ब्रह्म की गति, तेजस्वी आभा, प्राण जग के पति, प्राण जग के पति, मैं धन्य हुआ पाकर, ये रूप उजागर, मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर।
Satguru Bhajan Lyrics in Hindi
चौरासी में भटका, था जग में अटका, ये जन्म संवारा, दे नाम का झटका, दे नाम का झटका, नाम पे लाकर, प्रभु से मिलाकर मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर।
मैं हुआ जो धन्वन्तरि, जो हुआ अंतर्मुखी, गोपाली पागल, नाम धन से सुखी,
नाम धन से सुखी, नाम कमाकर, नाम जमाकर, मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर।
मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर, दया के सागर, कृपा के सागर, मैं सतगुरु पाए, कृपा के सागर, जो मैंने देखा, शरण में जाकर।
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