मैया थारो रूप मन भायो जियो हरषायो भजन

मैया थारो रूप मन भायो जियो हरषायो भजन

(मुखड़ा)
मैया, थारो रूप मन भायो,
जियो हरषायो,
कुण म्हारी मैया ने सजायो,
बनड़ी सी लागे म्हारी माँ,
सोणी-सोणी लागे म्हारी माँ।।

(अंतरा)
सिंदूरी थारो रूप चमके,
कुंडल काना माहि धमके,
चूड़ा और चुड़ला, हाथा में खनके।
सोणो-सोणो तिलक लगायो,
और सूरमो घलायो,
कुण म्हारी मैया ने सजायो,
बनड़ी सी लागे म्हारी माँ,
सोणी-सोणी लागे म्हारी माँ।।

खूब खिल्यो है चुनड़ी को रंग,
मोर-मोरिया तारा है संग,
देखे है जो भी, रह जावे वो तो दंग।
मोटा-मोटा गजरा पहरायो,
छतर लटकायो,
कुण म्हारी मैया ने सजायो,
बनड़ी सी लागे म्हारी माँ,
सोणी-सोणी लागे म्हारी माँ।।

रजत जड़ित माँ थारो दरबार,
अद्भुत है सज्यो शृंगार,
झुंझुनू में गूंजे माँ थारी जय-जयकार।
‘बिन्नू’ जो भी दर्शन पायो,
की दुखड़ो भुलायो,
कुण म्हारी मैया ने सजायो,
बनड़ी सी लागे म्हारी माँ,
सोणी-सोणी लागे म्हारी माँ।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
मैया, थारो रूप मन भायो,
जियो हरषायो,
कुण म्हारी मैया ने सजायो,
बनड़ी सी लागे म्हारी माँ,
सोणी-सोणी लागे म्हारी माँ।।
 


मारवाड़ी बोली की मीठी चासनी से बनाया है ये भजन || RaniSati Dadi Bhajan By Saurabh Madhukar

Rani Sati Dadi Bhajan :- Maiya Thaaro Roop Man Bhayo...
Singer : Saurabh-Madhukar
Lyricist : Binod Kumar Garodia (Binnu)
Music Label : Sur Saurabh Industries

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