पर्वत पे एक गुफा सुहानी
पर्वत पे एक गुफा सुहानी
पर्वत पे एक गुफ़ा सुहानी,पर्वत पे इक गुफा सुहानी,
पिंडी रूप में,
पिंडी रूप में जहाँ,
बसे भवानी,
पर्वत पे एक गुफ़ा सुहानी,
पर्वत पे इक गुफा सुहानी।
पावन गंगा, बहे चरणों में,
पावन गंगा, बहे चरणों में,
पाप धुले सब, अमृत सा पानी,
पर्वत पे एक गुफ़ा सुहानी,
पर्वत पे इक गुफा सुहानी।
जन्म जन्म के दुखियारों की,
जन्म जन्म के दुखियारों की,
मन की पीड़ा, बस माँ ने ही जानी,
पर्वत पे एक गुफ़ा सुहानी,
पर्वत पे इक गुफा सुहानी।
मिलता सभी को वर खुशियों का,
मिलता सभी को वर खुशियों का,
धार फ़कीरी, पड़े अलख जगानी,
पर्वत पे एक गुफ़ा सुहानी,
पर्वत पे इक गुफा सुहानी।
माँ की माया, लक्खा माँ ही जाने,
माँ की माया, बस माँ ही जाने,
समझ सके ना, बड़े ज्ञानी ध्यानी,
पर्वत पे एक गुफ़ा सुहानी,
पर्वत पे इक गुफा सुहानी।
माँ के दर पे बस मिला सहारा,
माँ के दर पे बस मिला सहारा,
ख़ाक जगत की सरल ने छानी,
पर्वत पे एक गुफ़ा सुहानी,
पर्वत पे इक गुफा सुहानी।
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)
Singer/गायक : Lakhbir Singh Lakkha / लखबीर सिंह लक्खा
Parvat Pe Ik Gufa Suhani
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