झूला उत्सव की धूम मची म्हारे श्याम के दरबार

झूला उत्सव की धूम मची म्हारे श्याम के दरबार

झूला उत्सव की धूम मची,
म्हारे श्याम के दरबार,
झूला झूल रहे,
मेरे बाबा लखदातार,
झूला उत्सव की धूम मची,
म्हारे श्याम के दरबार।

चन्दन का झूला,
रेशम की डोर है,
सज धज के लागे बाबा,
चंदा चकोर है,
आई सावन की बहार,
लाइ रिमझिम फुंहार,
ओ झूला, हो झूला,
झूला उत्सव की धूम मची,
म्हारे श्याम के दरबार।

मोर मोरनियां नांचे,
बरसे फुंहार है,
कूक रही कोयलिया,
गाये मल्हार है,
झूम झूम नांचे श्याम,
प्रेमी गायें धमाल,
ओ झूला, हो झूला,
झूला उत्सव की धूम मची,
म्हारे श्याम के दरबार।

हरी भरी गलियां,
खाटू चहुँ और हैं,
हरी हरी मोर पंख,
सजी सर मौर हैं,
सुध बुध खो गयो बाबा,
जब देखो श्रृंगार,
ओ झूला, हो झूला,
झूला उत्सव की धूम मची,
म्हारे श्याम के दरबार।

झूला उत्सव की धूम मची,
म्हारे श्याम के दरबार,
झूला झूल रहे,
मेरे बाबा लखदातार,
झूला उत्सव की धूम मची,
म्हारे श्याम के दरबार।


भजन श्रेणी : खाटू श्याम जी भजन (Khatu Shyam Ji Bhajan)



झूला उत्सव की धूम मची मेरे श्याम के दरबार | Sawan Utsav Ki Dhoom Shyam Ke Darbar | Shipra Shree

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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