जय स्कन्द माता , ॐ जय स्कन्द माता, शक्ति भक्ति प्रदायिनी , सब सुख की दाता, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
कार्तिकेय की हो माता , शंभू की शक्ति, भक्तजनों को मैया , देना निज भक्ति, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
चार भुजा अति सोहे , गोदी में स्कन्द, द्या करो जगजननी , बालक हम मतिमन्द, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
शुभ्र वर्ण अति पावन , सबका मन मोहे, होता प्रिय माँ तुमको , जो पूजे तोहे, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
स्वाहा स्वधा ब्रह्माणी , राधा रुद्राणी, लक्ष्मी शारदे काली , कमला कल्याणी, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
काम क्रोध मद मैया , जगजननी हरना, विषय विकारी तन मन , को पावन करना, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
नवदुर्गो में पंचम , मैया स्वरूप तेरा, पाँचवे नवरात्रे को , होता पूजन तेरा, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
तू शिव धाम निवासिनी , महाविलासिनी तू, तू शमशान विहारिणी , ताण्डव लासिनी तू, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
हम अति दीन दुखी माँ , कष्टों ने घेरे, अपना जान द्या कर , बालक हैं तेरे, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
स्कन्द माता जी की आरती , जो कोई गावे, कहत शिवानंद स्वामी , मनवांछित फल पावे, ॐ जय स्कन्द माता ...................।
Skand Mata Secon Aarti / स्कन्द माता आरती द्वितीय
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवां नाम तुम्हारा आता सब के मन की जानन हारी
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi,Navratra Navratri Mata Bhajan Lyrics
जग जननी सब की महतारी तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं कई नामों से तुझे पुकारा मुझे एक है तेरा सहारा कहीं पहाड़ों पर है डेरा कई शहरो मैं तेरा बसेरा हर मंदिर में तेरे नजारे गुण गाए तेरे भगत प्यारे भक्ति अपनी मुझे दिला दो शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो इंद्र आदि देवता मिल सारे करे पुकार तुम्हारे द्वारे दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए तुम ही खंडा हाथ उठाए दास को सदा बचाने आई 'चमन' की आस पुराने आई।