ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है.
यहाँ सर देके होते है सौदे,
आशिक़ी इतनी सस्ती नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|
प्रेम वालों ने कब वक़्त पूछा,
उनकी पूजा में सुन ले आए उधो.
यहाँ दम दम में होती है पूजा,
सर झुकाने की फ़ुर्सत नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|
जो असल में है मस्ती में डूबे,
उन्हे क्या परवाह ज़िंदगी की.
जो उतरती है, चढ़ती है मस्ती,
वो हक़ीक़त में मस्ती नही है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|
जिसकी नज़रों में है श्याम प्यारे,
वो तो रहते है जग से न्यारे.
जिसकी नज़रों में मोहन समाए,
वो नज़र फिर तरसती नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नही है|
बंदगी तेरे बस की नहीं है.
यहाँ सर देके होते है सौदे,
आशिक़ी इतनी सस्ती नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|
प्रेम वालों ने कब वक़्त पूछा,
उनकी पूजा में सुन ले आए उधो.
यहाँ दम दम में होती है पूजा,
सर झुकाने की फ़ुर्सत नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|
जो असल में है मस्ती में डूबे,
उन्हे क्या परवाह ज़िंदगी की.
जो उतरती है, चढ़ती है मस्ती,
वो हक़ीक़त में मस्ती नही है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नहीं है|
जिसकी नज़रों में है श्याम प्यारे,
वो तो रहते है जग से न्यारे.
जिसकी नज़रों में मोहन समाए,
वो नज़र फिर तरसती नहीं है.
ये तो प्रेम की बात है उधो,
बंदगी तेरे बस की नही है|
भजन श्रेणी : कृष्ण भजन (Krishna Bhajan)
कृष्णजी का ऐसा भजन जिसे आप बार बार सुनना पसंद करोगे ~ये तो प्रेम की बात है उधो #मृदुल कृष्ण शास्त्री
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Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
Yahan sar deke hote hai saude,
aashiqi itni sasti nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
Prem walon ne kab waqt poocha,
unki pooja mein sun le ae udho.
Yahan dam dam mein hoti hai pooja,
sar jhukaane ki fursat nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
Jo asal mein hai masti mein doobe,
unhe kya parwah zindagi ki.
Jo utarti hai, chadhti hai masti,
woh haqeeqat mein masti nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
Jiski nazron mein hai shyam pyaare,
woh to rehte hai jag se nyaare.
Jiski nazron mein mohan samaye,
woh nazar phir tarasti nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
bandagi tere bas ki nahin hai.
Yahan sar deke hote hai saude,
aashiqi itni sasti nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
Prem walon ne kab waqt poocha,
unki pooja mein sun le ae udho.
Yahan dam dam mein hoti hai pooja,
sar jhukaane ki fursat nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
Jo asal mein hai masti mein doobe,
unhe kya parwah zindagi ki.
Jo utarti hai, chadhti hai masti,
woh haqeeqat mein masti nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.
Jiski nazron mein hai shyam pyaare,
woh to rehte hai jag se nyaare.
Jiski nazron mein mohan samaye,
woh nazar phir tarasti nahin hai.
Ye to prem ki baat hai udho,
bandagi tere bas ki nahin hai.