अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे

अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।
हमारे लिए क्यों देर किए हो,
हमारे लिए क्यों देर किए हो,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।

पतितों को पावन करते कृपा निधि,
पतितो को पावन करते कृपा निधि,
किए पाप हैं इस सुयश के सहारे,
किए पाप हैं इस सुयश के सहारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।

ये माना अधम हैं अपावन कुटिल हैं,
ये माना अधम हैं अपावन कुटिल हैं,
सब कुछ हैं लेकिन हैं भगवन तुम्हारे,
सब कुछ हैं लेकिन हैं भगवन तुम्हारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।

मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से,
मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से,
ये मन होगा निर्मल, तुम्हारी कृपा से,
इसे शुद्ध करने में, राजेश हारे,
अगर नाथ देखोगे, अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे।

 

भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)



अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे। !! PUJYA RAJAN JEE !! #rajanji #bhajan M- +919831877060
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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