अमृत बरसे बरसे जी माता रानी के द्वार Amrit Barse Barse Ji Mata Narendra Chanchal
अमृत बरसे बरसे जी,माता रानी के द्वार,
माता रानी के द्वार,
अम्बे रानी के द्वार,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
माई के भवन ते,
अमृत बरसे।
नहीं जाना नहीं जाना,
दरबार से खाली नहीं जाना,
इस अमृत में भक्त ध्यानूं,
होके मस्त नहाया,
अंतर मन के खुल गए द्वारे,
निर्मल हो गयी काया,
माँ की धुन में खो कर,
उस ने दुनिया को बिसराया,
माई ज्वाला के चरणों में,
अपना शीश चढ़ाया,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
पाना है पाना है दरबार से,
सब कुछ पाना है,
इस अमृत का श्रीधर ने भी,
पिया प्रेम प्याला,
रोम रोम में फिर गई उसके,
माँ के नाम की माला,
कन्या रूप में वैष्णो माँ का,
हुआ जो दरस निराला,
नाँच पड़ा वो भक्ति रस में,
होकर के मतवाला,
अमृत बरसे बरसे जी,
चिन्ताहरणी रानी के द्वार।
इस अमृत के दो चार छींटे,
जिन भक्तों पे बरसे,
वो जन्मो की प्यास बुझा गए,
प्यासे फिर ना तरसे,
मन चाहे फल पाए,
उन्होंने महा दाती के दर से,
मैया उनकी बनी खिवैया,
होंगे पार भंवर से,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार,
माता रानी के द्वार,
अम्बे रानी के द्वार,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
माता रानी के द्वार,
अम्बे रानी के द्वार,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
माई के भवन ते,
अमृत बरसे।
नहीं जाना नहीं जाना,
दरबार से खाली नहीं जाना,
इस अमृत में भक्त ध्यानूं,
होके मस्त नहाया,
अंतर मन के खुल गए द्वारे,
निर्मल हो गयी काया,
माँ की धुन में खो कर,
उस ने दुनिया को बिसराया,
माई ज्वाला के चरणों में,
अपना शीश चढ़ाया,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
पाना है पाना है दरबार से,
सब कुछ पाना है,
इस अमृत का श्रीधर ने भी,
पिया प्रेम प्याला,
रोम रोम में फिर गई उसके,
माँ के नाम की माला,
कन्या रूप में वैष्णो माँ का,
हुआ जो दरस निराला,
नाँच पड़ा वो भक्ति रस में,
होकर के मतवाला,
अमृत बरसे बरसे जी,
चिन्ताहरणी रानी के द्वार।
इस अमृत के दो चार छींटे,
जिन भक्तों पे बरसे,
वो जन्मो की प्यास बुझा गए,
प्यासे फिर ना तरसे,
मन चाहे फल पाए,
उन्होंने महा दाती के दर से,
मैया उनकी बनी खिवैया,
होंगे पार भंवर से,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार,
माता रानी के द्वार,
अम्बे रानी के द्वार,
अमृत बरसे बरसे जी,
माता रानी के द्वार।
भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)
अमृत बरसे माता रानी Amrit Barse Mata Rani I Devi Bhajan I NARENDRA CHANCHAL I Sab Milke Bolo Jaikara
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Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar,
Mata Rani Ke Dwar,
Ambe Rani Ke Dwar,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Mai Ke Bhavan Te,
Amrit Barase.
Nahin Jana Nahin Jana,
Darabar Se Khali Nahin Jana,
Is Amrit Mein Bhakt Dhyanun,
Hoke Mast Nahaya,
Antar Man Ke Khul Gae Dware,
Nirmal Ho Gayi Kaya,
Man Ki Dhun Mein Kho Kar,
Us Ne Duniya Ko Bisaraya,
Mai Jvala Ke Charanon Mein,
Apana Shish Chadhaya,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Pana Hai Pana Hai Darabar Se,
Sab Kuchh Pana Hai,
Is Amrit Ka Shridhar Ne Bhi,
Piya Prem Pyala,
Rom Rom Mein Phir Gai Usake,
Man Ke Nam Ki Mala,
Kanya Rup Mein Vaishno Man Ka,
Hua Jo Daras Nirala,
Nanch Pada Vo Bhakti Ras Mein,
Hokar Ke Matavala,
Amrit Barase Barase Ji,
Chintaharani Rani Ke Dwar.
Is Amrit Ke Do Char Chhinte,
Jin Bhakton Pe Barase,
Vo Janmo Ki Pyas Bujha Gae,
Pyase Phir Na Tarase,
Man Chahe Phal Pae,
Unhonne Maha Dati Ke Dar Se,
Maiya Unaki Bani Khivaiya,
Honge Par Bhanvar Se,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar,
Mata Rani Ke Dwar,
Ambe Rani Ke Dwar,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Mata Rani Ke Dwar,
Mata Rani Ke Dwar,
Ambe Rani Ke Dwar,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Mai Ke Bhavan Te,
Amrit Barase.
Nahin Jana Nahin Jana,
Darabar Se Khali Nahin Jana,
Is Amrit Mein Bhakt Dhyanun,
Hoke Mast Nahaya,
Antar Man Ke Khul Gae Dware,
Nirmal Ho Gayi Kaya,
Man Ki Dhun Mein Kho Kar,
Us Ne Duniya Ko Bisaraya,
Mai Jvala Ke Charanon Mein,
Apana Shish Chadhaya,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Pana Hai Pana Hai Darabar Se,
Sab Kuchh Pana Hai,
Is Amrit Ka Shridhar Ne Bhi,
Piya Prem Pyala,
Rom Rom Mein Phir Gai Usake,
Man Ke Nam Ki Mala,
Kanya Rup Mein Vaishno Man Ka,
Hua Jo Daras Nirala,
Nanch Pada Vo Bhakti Ras Mein,
Hokar Ke Matavala,
Amrit Barase Barase Ji,
Chintaharani Rani Ke Dwar.
Is Amrit Ke Do Char Chhinte,
Jin Bhakton Pe Barase,
Vo Janmo Ki Pyas Bujha Gae,
Pyase Phir Na Tarase,
Man Chahe Phal Pae,
Unhonne Maha Dati Ke Dar Se,
Maiya Unaki Bani Khivaiya,
Honge Par Bhanvar Se,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar,
Mata Rani Ke Dwar,
Ambe Rani Ke Dwar,
Amrit Barase Barase Ji,
Mata Rani Ke Dwar.
Author - Saroj Jangir
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