इक तारा इक रुकमण दोनों ही माँ

इक तारा इक रुकमण दोनों ही माँ की पुजारन

इक तारा इक रुकमण,
दोनों ही माँ की पुजारन,
अंतर क्या है दोनों ही,
बहनों में  बोलो,
इक राजकुमारी,
इक भाग्य की मारी,
इक तारा इक रुकमण,
दोनों ही माँ की पुजारन।

इक जब पैदा हुई तो,
घर घर बजने लगी शहनाई,
इक जब पैदा हुई अभागन,
नदिया बीच बहाई,
इक गाए इक रोये,
इक पाए इक खोये,
अंतर क्या है दोनों ही,
बहनों में  बोलो,
इक ख़ुशी मनाएं,
इक ठोकर खाए,
इक तारा इक रुकमण,
दोनों ही माँ की पुजारन।

इक राजा के संग गई ब्याही,
बन गयी महलों ही रानी,
इक कुटिया की बनी रौशनी,
रानी की नौकरानी,
इक रानी इक दासी,
दोनों की आत्मा प्यासी,
अंतर क्या है दोनों ही,
बहनों में  बोलो,
इक जगन रचाए,
एक वचन निभाए,
इक राजकुमारी,
इक भाग्य की मारी,
इक तारा इक रुकमण,
दोनों ही माँ की पुजारन।

तारा रानी की कथा का,
भक्तों सार यही है,
उंच नीच का भेद ना समझे,
सच्चा प्यार वही है,
तारा की अमर कहानी,
यूँ तो है सदियों पुरानी,
अंतर क्या है दोनों ही,
बहनों में  बोलो,
इक चंचल ने गाई,
इक महंतों ने सुनाई,
इक तारा इक रुकमण,
दोनों ही माँ की पुजारन।

इक तारा इक रुकमण,
दोनों ही माँ की पुजारन,
अंतर क्या है दोनों ही,
बहनों में  बोलो,
इक राजकुमारी,
इक भाग्य की मारी,
इक तारा इक रुकमण,
दोनों ही माँ की पुजारन।

भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)


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