जिस घर में तेरी ज्योत जले

जिस घर में तेरी ज्योत जले

जिस घर में तेरी ज्योत जले,
अन्न धन के भण्डार भरे,
खुशियां ही खुशियां बरसे,
माँ सारे संकट दूर करे,
ज्योत जला के जलवा देखो,
ज्योति नूरानी का,
आओ मिलकर करे जागरण,
मात भवानी का।

नाम की दौलत पास है जिसके,
दुनिया में धनवान वही,
माँ के रंग में रंग जाए जो,
सबसे बड़ा गुणवान वही,
मिलता है सम्मान उसको,
भक्त हो जो महारानी का,
आओ मिलकर करे जागरण,
मात भवानी का।

सच्चे मन से ध्यान लगाए,
मातारानी सन्मुख आए,
रोग शोक संताप कभी ना,
उस घर के द्वारे पर आए,
उसको डर ना सताए कभी,
दुनिया दीवानी का,
आओ मिलकर करे जागरण,
मात भवानी का।

दुष्टों का संहार करे माँ,
भक्तों की हिमायती है,
शुम्भ निशुंभ और महिसासुर को,
पल में मार गिराती है,
रक्तबीज को मारा माँ ने,
रूप धर माता काली का,
आओ मिलकर करे जागरण,
मात भवानी का।

जिस घर में तेरी ज्योत जले,
अन्न धन के भण्डार भरे,
खुशियां ही खुशियां बरसे,
माँ सारे संकट दूर करे,
ज्योत जला के जलवा देखो,
ज्योति नूरानी का,
आओ मिलकर करे जागरण,
मात भवानी का।


भजन श्रेणी : माता रानी भजन (Mata Rani Bhajan)


जिस घर में तेरी ज्योत जले | Jis Ghar Mai Tere Jyot Jale | Mata Rani Bhajan | Amba Bhakti

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