(मुखड़ा) करता हूँ माँ, मैं वंदन, मुझे ज्ञान का दो दर्पण, मेरी ज़िंदगी सँवर जाए, मेरी ज़िंदगी सँवर जाए, करता हूँ पुष्प अर्पण, मुझे दे दो, मैया, दर्शन, मेरा भाग्य भी निखर जाए, मेरी ज़िंदगी सँवर जाए।।
(अंतरा)
सूरत तेरी, माँ, मैं तो, दिल में रखूँ बसा के, रह ना सकूँ मैं इक पल, चरणों से दूर जा के, इक आस है लगा ली, सुन ले माँ, शेरावाली, मैया, तू मेरे घर आए, मैया, तू मेरे घर आए, करता हूँ माँ, मैं वंदन।।
धरती के कण-कण में है,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
मैया, तेरा बसेरा, हर भक्त की ज़ुबां पे, मैया, है नाम तेरा, करता हूँ मैं नमन, माँ, पावन करो ये मन, माँ, दिन भक्ति में गुजर जाए, दिन भक्ति में गुजर जाए, करता हूँ माँ, मैं वंदन।।
दर-दर की ठोकर खा के, तेरी शरण मैं आया,
अब तो करो माँ, प्रेम की, हम पर निर्मल छाया, करता हूँ मैं समर्पण, निश्छल हो माँ, मेरा मन, जीवन मेरा सुधर जाए, जीवन मेरा सुधर जाए, करता हूँ माँ, मैं वंदन।।
(पुनरावृत्ति) करता हूँ माँ, मैं वंदन, मुझे ज्ञान का दो दर्पण, मेरी ज़िंदगी सँवर जाए, मेरी ज़िंदगी सँवर जाए, करता हूँ पुष्प अर्पण, मुझे दे दो, मैया, दर्शन, मेरा भाग्य भी निखर जाए, मेरी ज़िंदगी सँवर जाए।।
भक्त माँ से ज्ञान और दर्शन की प्रार्थना करता है ताकि उसका जीवन सँवर जाए। माँ के चरणों से जुड़कर भक्त अपनी सारी मुश्किलें दूर करना चाहता है और माँ की भक्ति में अपना हर दिन बिताना चाहता है।