अनमोल तेरा जीवन यूँ ही गंवा रहा है लिरिक्स Anmol Tera Jiwan Lyrics

अनमोल तेरा जीवन यूँ ही गंवा रहा है लिरिक्स Anmol Tera Jiwan Lyrics, Chetawani Bhajan/ Devotional Bhajan by Prakash Gandhi

अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है,
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है।

सपनों की नींद में ही,
यह रात ढ़ल ना जाये,
पल भर का क्या भरोसा,
कहीं जान निकल ना जाये,
गिनती की है ये साँसे,
यूँ ही लुटा रहा है,
किस ओर तेरी मंज़िल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है।

जायेगा जब यहाँ से,
कोई ना साथ देगा,
इस हाथ जो दिया है,
उस हाथ जा के लेगा,
कर्मों की है ये खेती,
फल आज पा रहा है,
किस ओर तेरी मंज़िल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है।

ममता के बन्धनों ने,
क्यों आज तुझको घेरा,
सुख में सभी है साथी,
कोई नहीं है तेरा,
तेरा ही मोह तुझको,
कब से रुला रहा है,
किस ओर तेरी मंज़िल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है।

जब तक है भेद मन में,
भगवान से जुदा है,
खोलो जो दिल का दर्पण,
इस घर में ही ख़ुदा है,
सुख रूप हो के भी तू,
दुख आज पा रहा है,
किस ओर तेरी मंज़िल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है।

अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है,
किस और तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गंवा रहा है।

भजन श्रेणी : आध्यात्मिक भजन (Read More : Devotional Bhajan)

भजन श्रेणी : विविध भजन/ सोंग लिरिक्स हिंदी Bhajan/ Song Lyrics



अनमोल तेरा जीवन यूँ ही गँवा रहा है | प्रकाश गाँधी ॥चेतावनी भजन 2022 ॥Anmol Tera Jeevan॥Sant Sandesh

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Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai,
Kis Or Teri Manjil,
Kis Or Ja Raha Hai,
Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai.

Sapanon Ki Nind Mein Hi,
Yah Rat Dhal Na Jaye,
Pal Bhar Ka Kya Bharosa,
Kahin Jan Nikal Na Jaye,
Ginati Ki Hai Ye Sanse,
Yun Hi Luta Raha Hai,
Kis Or Teri Manzil,
Kis Or Ja Raha Hai,
Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai.

Jayega Jab Yahan Se,
Koi Na Sath Dega,
Is Hath Jo Diya Hai,
Us Hath Ja Ke Lega,
Karmon Ki Hai Ye Kheti,
Phal aj Pa Raha Hai,
Kis Or Teri Manzil,
Kis Or Ja Raha Hai,
Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai.

Mamata Ke Bandhanon Ne,
Kyon aj Tujhako Ghera,
Sukh Mein Sabhi Hai Sathi,
Koi Nahin Hai Tera,
Tera Hi Moh Tujhako,
Kab Se Rula Raha Hai,
Kis Or Teri Manzil,
Kis Or Ja Raha Hai,
Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai.

Jab Tak Hai Bhed Man Mein,
Bhagavan Se Juda Hai,
Kholo Jo Dil Ka Darpan,
Is Ghar Mein Hi Khuda Hai,
Sukh Rup Ho Ke Bhi Tu,
Dukh aj Pa Raha Hai,
Kis Or Teri Manzil,
Kis Or Ja Raha Hai,
Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai.

Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai,
Kis Aur Teri Manjil,
Kis Or Ja Raha Hai,
Anamol Tera Jivan,
Yun Hi Ganva Raha Hai.
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